आरोपी पिता की जगह बेटे को थाने में बैठाए रखने का मामला गंभीर, टीआई को कोर्ट में सीसीटीवी के साथ पेश होने के निर्देश ! थाने से आए सीसीटीवी से थाना प्रभारी मुश्किलों में .??


डेस्क खबर । शहर की पुलिस व्यवस्था पर बड़ा सवाल उठाने वाले एक मामले में इंदौर चंदन नगर थाने के टीआई इंद्रमणि पटेल को हाईकोर्ट में 30 घंटे के सीसीटीवी फुटेज सहित व्यक्तिगत रूप से पेश होने के आदेश दिए गए हैं। यह मामला पॉक्सो एक्ट के एक अभियुक्त संजय दुबे की जगह उसके बेटे को थाने में अवैधानिक तरीके से हिरासत में रखने से जुड़ा है। दरअसल, 62 वर्षीय रियल एस्टेट कारोबारी संजय दुबे पर नाबालिग लड़की से दुष्कर्म और गर्भवती करने का आरोप है। उसके खिलाफ 12 नवंबर को पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज हुआ था। पुलिस संजय को गिरफ्तार नहीं कर सकी, जिसके बाद 27 नवंबर की रात पुलिसकर्मी खुद को क्राइम ब्रांच का बताते हुए उसके इंजीनियर बेटे राजा दुबे (32) को थाने ले आए। आरोप है कि राजा को 30 घंटे तक थाने में बैठाए रखा गया और हथकड़ी लगाकर अपमानित किया गया, जबकि वह अपराध से सीधे तौर पर जुड़ा नहीं था। इस मामले में थाने के अंदर का वीडियो भी सामने आया है जिसके कारण थाना प्रभारी की मुश्किलें बढ़ना तय माना जा रहा है ।
नियमों के अनुसार पूछताछ के लिए किसी को 24 घंटे से अधिक हिरासत में नहीं रखा जा सकता, वहीं हथकड़ी गंभीर आरोप या फरारी की आशंका होने पर ही लगाई जाती है। इस मामले में कानून के इन प्रावधानों की अनदेखी का आरोप परिवार ने लगाया है। राजा के साले आकाश तिवारी ने फोटो-वीडियो सबूतों के साथ हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दाखिल की और पुलिस कमिश्नर से भी शिकायत की। 28 नवंबर को सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने प्रकरण को गंभीर मानते हुए राज्य शासन से स्टेटस रिपोर्ट मांगी। सुनवाई की जानकारी लगते ही पुलिस ने राजा को छोड़ा था। 2 दिसंबर की सुनवाई में जांच अधिकारी संध्या निगम ने बताया कि वे अवकाश पर थीं और राजा को केवल पूछताछ के लिए थाने लाया गया था।

लेकिन कोर्ट ने तीखा सवाल किया कि पूछताछ एक–डेढ़ घंटे हो सकती है, 30 घंटे क्यों? इसी पर टीआई पटेल को 4 दिसंबर को सीसीटीवी फुटेज के साथ तलब किया गया है। कोर्ट की सख्ती के बाद अब पुलिस की कार्रवाई पर जवाबदेही तय होना तय माना जा रहा है।