

डेस्क खबर बिलासपुर ../ बिलासपुर प्रेस क्लब के बहुचर्चित और विवादों से घिरे चुनाव को लेकर बड़ा कदम उठाते हुए रजिस्ट्रार, फर्म्स एंड सोसाइटीज़ विभाग ने वर्ष 2024-25 के लिए प्रस्तावित पूरे चुनाव को निरस्त कर दिया है। 18 नवंबर 2025 को जारी आदेश में रजिस्ट्रार ने स्पष्ट लिखा कि चुनाव प्रक्रिया में आवश्यक नियमों का पालन नहीं किया गया, निर्वाचन अधिकारी द्वारा मांगे गए दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किए गए और तय समयसीमा की लगातार अनदेखी की गई। इसी के चलते पूरी चुनाव प्रक्रिया को असंवैधानिक मानते हुए अमान्य घोषित कर दिया गया।
विकास पैनल की खुशी—निर्णय को बताया लोकतांत्रिक व्यवस्था की जीत
चुनाव निरस्त होने के बाद विकास पैनल के सदस्यों ने इस निर्णय का स्वागत किया। पैनल का कहना है कि शुरुआत से ही चुनाव प्रक्रिया में अनियमितताएं हो रही थीं, जिस पर कई बार आपत्ति भी दर्ज कराई गई थी। उनका आरोप था कि निर्वाचन अधिकारी पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाए हुए थे और नियमों का पालन नहीं किया जा रहा था। पैनल ने कहा कि रजिस्ट्रार का निर्णय पत्रकारिता जगत में पारदर्शिता और सही लोकतांत्रिक परंपरा को स्थापित करने वाला कदम है। उनका मानना है कि नए चुनाव में अब सभी सदस्यों को न्याय मिलेगा और निष्पक्ष वातावरण में मतदान कराया जा सकेगा।

आदेश में दर्ज प्रमुख अनियमितताएं
रजिस्ट्रार द्वारा जारी आदेश में कई गंभीर प्रक्रियागत चूकें दर्ज की गई हैं—
1. निर्वाचन अधिकारी ने आवेदन-पत्रों की छंटनी, दावा-आपत्तियों और प्रत्याशियों की सूची से संबंधित रिपोर्ट निर्धारित समय पर प्रस्तुत नहीं की।
2. समिति द्वारा भेजी गई जानकारी पर रजिस्ट्रार ने कई बार पत्र और स्मरण-पत्र जारी किए, लेकिन किसी का भी ठीक से उत्तर नहीं दिया गया।
3. 15 सितंबर, 19 सितंबर, 8 अक्टूबर और 9 अक्टूबर 2025 को भेजे गए पत्रों पर भी संतोषजनक जवाब नहीं मिला।
4. मतदाता सूची पर समिति की आपत्तियों का न निराकरण हुआ और न ही उसकी कोई रिपोर्ट रजिस्ट्रार कार्यालय को भेजी गई।
5. नियम 27/28 के तहत आवश्यक सत्यापन, रिपोर्ट और दस्तावेज उपलब्ध न कराए जाने के कारण मतदान प्रक्रिया को अमान्य माना गया।
निर्णय क्यों लिया गया?
रजिस्ट्रार ने आदेश में स्पष्ट कहा कि—
निर्वाचन अधिकारी बार-बार दिए गए निर्देशों का पालन करने में विफल रहे।
आवेदन, मतदाता सूची, दावा-आपत्ति सहित महत्वपूर्ण दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए गए।
पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता दिखाई नहीं दी।
इन सब कारणों से चुनाव को तत्काल प्रभाव से रद्द करने का निर्णय लिया गया।
कलेक्टर को नए निर्वाचन अधिकारी की नियुक्ति का निर्देश
आदेश में बिलासपुर कलेक्टर को निर्देश दिया गया है कि प्रेस क्लब चुनाव अब एक नए प्रशासनिक/राजपत्रित अधिकारी की देखरेख में कराया जाए। नया अधिकारी नियमावली के अनुसार संपूर्ण चुनाव प्रक्रिया को फिर से संचालित करेगा।
इस निर्णय ने पत्रकार समुदाय में हलचल मचा दी है, क्योंकि प्रेस क्लब चुनाव लंबे समय से विवादों और आपत्तियों में उलझे हुए थे। अब सभी की निगाहें नए अधिकारी और नई प्रक्रिया पर टिकी हैं, जिससे उम्मीद है कि निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव का मार्ग प्रशस्त होगा और एक पत्रकारों की हित में निर्णय लेने वाली नई कार्यकारणी जल्द काबिज होगी ।




