डेस्क खबरबिलासपुर

पार्ट –27 :  राशन घोटाला: खाद्य विभाग के नोटिस के बाद भी नहीं सुधरी दुकान, गरीब जनता से बदसलूकी और ज्यादा दर पर शक्कर बेचने का आरोप..! संगठित चावल चोरों को क्यों मिला हुआ है विभाग का संरक्षण .?? अध्यक्ष ऋषि के पावर के सामने खाद्य नियंत्रक का सरेंडर.!!



डेस्क खबर बिलासपुर../ बिलासपुर शहर के नगर निगम क्षेत्र के वॉर्ड क्रमांक 3 साईं नगर उसलापुर-अमेरी की शासकीय उचित मूल्य दुकान एक बार फिर विवादों में है। जनता का आरोप है कि महिला समूह के नाम पर संचालित सरकारी राशन  दुकान संचालक वसीम खान उर्फ बाबा और उनकी समिति लगातार अनियमितता बरत रही है। प्रशासन द्वारा नोटिस जारी किए जाने के बावजूद हालात जस के तस बने हुए हैं। जनता को अपने हक का राशन पाने के लिए हर महीने दुकान के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। लेकिन पेट भरने के लिए अनाज नहीं मिल पा रहा है जिसके चलते उनका आक्रोश बढ़ता जा रहा है ।



बीते बुधवार की सुबह जब वार्डवासी राशन लेने पहुंचे तो दुकान में मौजूद कर्मचारी ने उन्हें ही पाठ पढ़ाना शुरू कर दिया। विरोध बढ़ा तो पार्षद प्रतिनिधि राजेंद्र टंडन मौके पर पहुंचे, जहां जनता और दुकानदार के बीच जमकर विवाद हुआ। मौके पर मीडिया टीम भी पहुंची, जिसने देखा कि दुकान एक छोटे कमरे में संचालित की जा रही है, न तो बाहर संचालन समिति की जानकारी अंकित है, न ही राशन वितरण की कोई व्यवस्थित व्यवस्था मौजूद है। और हैरानी की बात यह थी कि महिला समूह की दुकान में पुरुष बैठ कर दुकान संचालित करता हुआ नजर आया ।



हितग्रहियों का आरोप है कि दुकान में हर महीने शक्कर नहीं दी जाती, और जब दी भी जाती है तो सरकारी दर 17 रुपये प्रति किलो के बजाय 20 रुपये में बेची जाती है। ऊपर से बचे हुए पैसे मांगने पर “चिल्लर नहीं है” कहकर रकम रख ली जाती है। जनता का कहना है कि गरीबों को उनका हक देने की जिम्मेदारी निभाने के बजाय संचालक और उसका कर्मचारी उन्हें अपमानित कर रहे हैं।
दुकान में काम कर रहे कर्मचारी ने खुद माना कि उसे केवल दो महीने पहले नौकरी पर रखा गया है, लेकिन उसे न संचालन समिति की जानकारी है और न ही उचित मूल्य दुकान के नियमों की। उसने बताया कि संचालक ने उसे यह भी नहीं बताया कि उसका मेहनताना कितना होगा।



ऐसा नहीं है कि इस पूरे मामले की जानकारी खाद्य विभाग को नहीं है लेकिन उसके बाद भी ऐसे दुकान संचालकों के खिलाफ कार्यवाही नहीं हो रही है । गौरतलब है कि जिले में विक्रेता संघ के अध्यक्ष  ऋषि उपाध्याय भी राशन के बदले नगद पैसा देते हुए कैमरे में कैद हो चुका था और खाद्य विभाग की जांच टीम ने भी ऋषि उपाध्याय , सत्यशीला उपाध्याय और पुष्पा दीक्षित के खिलाफ पुलिस में अपराध दर्ज करने की जांच रिपोर्ट तैयार की थी लेकिन राजनैतिक दबाव और मधुर संबंध के चलते अभी तक खाद्य नियंत्रक अमृत कुजूर ने फाइल दबा के रखी हुई है । इतना ही नहीं खाद्य नियंत्रक ने इस मामले में पत्रकारों को सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी भी उपलब्ध नहीं करवाई है और ना ही हाईकोर्ट और बिलासपुर कलेक्टर के सामने जांच रिपोर्ट से जुड़ी संबंधित फाइल पेश की है । जबकि तत्कालीन खाद्य नियंत्रक अनुराग भदौरिया की जांच टीम ने ऋषि उपाध्याय द्वारा संचालित महिला समूह की राशन दुकान के कृत्य को दंडनीय अपराध माना था । बताया जा रहा है कि ऋषि उपाध्याय और गोविंद नायडू बीजेपी कार्यकर्ता है जिसके चलते विभाग के हाथ भी इन चावल कालाबाजारियो के खिलाफ सख्त कार्यवाही करने में कांप रहे है जिसका फायदा चावल चोर संगठित होकर उठा रहे है ।


वहीं इस मामले में खाद्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार  दुकान संचालक और समिति को नोटिस जारी किया गया है। हालांकि, जनता के साथ बदसलूकी करने और अधिक दर पर राशन बेचने वालों पर क्या कार्रवाई होगी, इस पर उन्होंने कुछ नहीं कहा। अब देखने वाली बात यह होगी कि विभाग कार्रवाई करेगा या फिर एक बार फिर “नोटिस” ही पूरी जांच का अंत बन जाएगा और विभागीय संरक्षण में गरीबों को दिए जाने वाले सरकारी चावल की जिले में कालाबाजारी और तस्करी बेखौफ जारी रहेगी .!!

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