त्रिवेणी ग्रामोद्योग उत्थान समिति एवं लोकरंजन प्रकाशन प्रयागराज का साहित्यकार सम्मान समारोह सम्पन्न..
देशभर के प्रतिष्ठित साहित्यकारों का हुआ सम्मान, छत्तीसगढ़ की वरिष्ठ साहित्यकार तुलसी देवी तिवारी को मिला विशेष गौरव।


डेस्क खबर प्रयागराज ../ चन्द्रशेखर आजाद पार्क स्थित गंगानाथ झा परिसर में केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के सभागार में त्रिवेणी ग्रामोद्योग उत्थान समिति एवं लोकरंजन प्रकाशन द्वारा आयोजित साहित्यकार सम्मान समारोह–2025 का भव्य आयोजन सम्पन्न हुआ। देश के विभिन्न राज्यों से पधारे साहित्यकारों को उनकी उत्कृष्ट कृतियों पर सम्मानित किया गया।
इस ऐतिहासिक समारोह की अध्यक्षता प्रो. ललित कुमार त्रिपाठी ने की, जबकि मुख्य अतिथि के रूप में उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान की प्रधान संपादक डॉ. अमिता दुबे उपस्थित रहीं। विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ. एच. पी. पाण्डेय ने कार्यक्रम की गरिमा बढ़ाई। निर्णायक मंडल में लखनऊ की मधुश्री शुक्ला, प्रो. रवि मिश्र और डॉ. कल्पना वर्मा सम्मिलित थे।

मुख्य अतिथि डॉ. अमिता दुबे ने कहा कि “साहित्य समाज का स्वास्थ्य बनाए रखने वाली आत्मा है, और लेखन समाज में चेतना एवं संवेदना का संचार करता है।”
विशिष्ट अतिथि डॉ. पाण्डेय ने साहित्य को “मानवता के निर्माण की प्रयोगशाला” बताते हुए कहा कि साहित्यकार समाज के दर्पण नहीं, बल्कि दिशा-दर्शक भी होते हैं।
अध्यक्ष प्रो. त्रिपाठी ने कहा कि ऐसे आयोजन न केवल सृजनशीलता को सम्मान देते हैं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को भी लेखन की प्रेरणा प्रदान करते हैं।
अवसर पर विश्वविद्यालय की ओर से आयोजक रंजन पाण्डेय एवं डॉ. आदित्य नारायण सिंह को भी सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में गुजरात की एकता अमित व्यास, उड़ीसा के दिनेश कुमार माली, चंडीगढ़ के अजय सिंह राणा, छत्तीसगढ़ की तुलसी देवी तिवारी, पूना की पद्माक्षी शुक्ला, हरियाणा के त्रिलोक चंद फतेहपुरी, भोपाल की डॉ. अनीता सिंह चौहान एवं गोकुल सोनी, रांची के अंकुश्री, बस्ती के लाल देवेंद्र कुमार, प्रयागराज के डा. भगवान प्रसाद उपाध्याय, ब्रह्मानंद मिश्र, स्नेह सुधा, संपदा मिश्रा सहित अनेक साहित्यकारों को सम्मान पत्र, प्रतीक चिन्ह, अंगवस्त्र, मोती माला एवं मेडल प्रदान कर सम्मानित किया गया।

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छत्तीसगढ़ की गौरव तुलसी देवी तिवारी को मिला राष्ट्रीय सम्मान
इस अवसर पर छत्तीसगढ़ की वरिष्ठ साहित्यकार श्रीमती तुलसी देवी तिवारी को भी विशेष रूप से सम्मानित किया गया। श्रीमती तिवारी ने हिंदी, छत्तीसगढ़ी और अन्य भारतीय भाषाओं में अनेक विधाओं में लेखन किया है।
वह शिक्षण क्षेत्र में भी उत्कृष्ट योगदान दे चुकी हैं — वर्ष 2014 में उन्हें राष्ट्रपति शिक्षक सम्मान से अलंकृत किया गया था। इसके अतिरिक्त उन्हें छत्तीसगढ़ राज्यपाल पुरस्कार, साहित्य रत्न सम्मान, बाल साहित्य सृजन सम्मान सहित अनेक पुरस्कार प्राप्त हुए हैं।

उनकी उल्लेखनीय रचनाओं में ‘यात्रा विश्रांत’, ‘बच्चों के लिए कहानियाँ’, ‘जीवन के रंग’, ‘स्त्री और संघर्ष’ जैसे उपन्यास, कहानी-संग्रह एवं बाल साहित्य की पुस्तकें शामिल हैं।
कार्यक्रम में उपस्थित साहित्यकारों ने कहा कि “तुलसी देवी तिवारी की बहुभाषिक रचनाएँ भारतीय समाज की विविधता और संस्कृति को शब्दों में जीवंत करती हैं।” कार्यक्रम का संचालन कुशलतापूर्वक लेखक रंजन पाण्डेय ने किया। डॉ. आदित्य सिंह ने संस्था के सामाजिक एवं साहित्यिक कार्यों की जानकारी दी।
कार्यक्रम में पूनम पाण्डेय, विभा सिंह, प्रो. अशोक पाण्डेय, हर्षित, आश्विन, ईशान, प्रियम, रामदेव मिश्र, विष्णुदत्त, मंजुला, नीतू, सृष्टि, आनंद मिश्र, अनिल, विजय, प्रदीप चित्रांशी, उमेश श्रीवास्तव, ननकऊ, डी.डी. जोशी, संजय बोस, प्रदीप सिंह, डा. रामलखन चौरसिया, वागीश, राकेश मालवीय, मुस्कान एवं श्रीमती कमला पाण्डेय सहित बड़ी संख्या में साहित्यप्रेमी उपस्थित रहे।