डेस्क खबरबिलासपुर

सिविल लाइन पुलिस की लुकाछिपी कार्रवाई .!! सत्ता–विपक्ष के नामदार रिश्तेदारों पर जुए का दांव, 20 घंटे बाद भी मामला दबा !  रसूखदारों के आगे सिविल लाइन पुलिस ने टेके घुटने ?? महासमुंद जिला पुलिस ने रसूखदार जुआरियों के खिलाफ किया संगठित अपराध के तहत मामला दर्ज ..!!



डेस्क खबर बिलासपुर। बिलासपुर की सिविल लाइन पुलिस हाईप्रोफाइल जुए को पकड़ने के बाद भी सवालों के घेरे में खड़ी नजर आ रही है । जिले के एसएसपी रजनेश सिंह द्वारा अपराध और नशे पर रोक लगाने सख्त नीति अपनाई गई है, लेकिन सिविल लाइन थाना क्षेत्र में पुलिस की लापरवाही एक बार फिर उजागर हो रही है। पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के बीती रात महाराणा प्रताप चौक के पास स्थित जीनत पैलेस में दिवाली पार्टी की आड़ में सत्ता पक्ष और विपक्ष से जुड़े रसूखदारों के रिश्तेदारों द्वारा जुए का बड़ा खेल खेला जा रहा था। जानकारी मिलते ही सिविल लाइन पुलिस ने मौके पर छापा मारते हुए करीब 14 जुआरियों को हिरासत में लिया और लाखों रुपये की नकदी जब्त की। हालांकि, कार्रवाई के करीब 20 घंटे बीतने के बाद भी पुलिस ने इस पूरे मामले को सार्वजनिक नहीं किया है। बताया जा रहा है कि एक प्रभावशाली विधायक के दबाव में पुलिस नामों को उजागर करने से बच रही है। विभाग और मीडिया जगत में इस दबाव की चर्चा जोरों पर है जिसके कारण जिले का वीआईपी थाना कहे जाने वाले सिविल लाइन पुलिस संदेह के घेरे में है .??



बिलासपुर जिले के एसएसपी रजनेश सिंह लगातार पुलिस अधिकारियों को पारदर्शी कार्रवाई के निर्देश दे रहे हैं, मगर कई थानेदार उनके निर्देशों को दरकिनार कर रसूखदारों को बचाने में जुटे हैं। सवाल उठता है कि आखिर सिविल लाइन पुलिस किस डर से मामले को दबा रही है? क्या फिर से एसएसपी की कड़ी फटकार के बाद ही कार्रवाई और हाईप्रोफाइल जुआरियों की फोटो और पुलिस प्रेस विज्ञप्ति सार्वजनिक होगी? या सत्ता-विपक्ष के नामदार रिश्तेदार एक बार फिर पीछे के दरवाजे से सिर्फ मामूली कार्यवाही के बाद  निकलने में सफल हो जाएंगे? फिलहाल, पुलिस की यह चुप्पी कई सवाल खड़े कर रही है।


शहर के जीनस पैलेस में बीती रात रसूखदारों की जुआ की महफिल जमाई गई थी, जिस पर सिविल लाइन पुलिस ने छापा मारते हुए 12 जुआरियों को रंगे हाथों पकड़ा। सूत्रों के मुताबिक, पकड़े गए जुआरियों में दलबदलू विधायक का भतीजा और दो कांग्रेस नेता भी शामिल थे। पुलिस ने सभी को हिरासत में लेकर थाना तो ले आई, लेकिन राजनीतिक दबाव और जुआरियों के रसूख के आगे सख्त कार्यवाही करने का साहस नहीं जुटा सकी।


जानकारी के अनुसार, देर रात से तड़के तक सिविल लाइन थाने में जुआरियों को बैठाकर रखा गया और पूरी घटना को मीडिया से छिपाने की कोशिश की गई। पुलिस विभाग के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार  शनिवार रात्रि के दौरान छापेमारी के दौरान लगभग 2 लाख रुपये से अधिक की रकम जब्त की गई थी, लेकिन अब उस रकम का कोई स्पष्ट विवरण सामने नहीं आया है कि उसे जब्त रखा गया या लौटा दिया गया। आम तौर पर छोटी से छोटी कार्रवाई को सार्वजनिक कर वाहवाही लूटने वाली सिविल लाइन पुलिस की यह चुप्पी कई सवाल खड़े कर रही है। राजनीतिक दबाव में पुलिस की निष्क्रियता और रसूखदारों के प्रति नरमी चर्चा का विषय बनी हुई है। सवाल उठ रहा है कि क्या कानून सबके लिए समान है या सत्ता से जुड़े लोगों के लिए अलग नियम लागू होते हैं? पुलिस प्रशासन की यह ढिलाई एसएसपी रजनेश सिंह की सख्त नीतियों पर भी सवाल खड़ा कर रही है.??


पकड़े गए जुआरी

संतोष कौशिक (57) निवासी ओमनगर जरहाभाठा भाजपा जिला उपाध्यक्ष
प्रशांत मूर्ति (59) निवासी विनोबा नगर बिलासपुर
नैन साहू (41) निवासी रामनगर तखतपुर भाजपा मंडल अध्यक्ष
नरेंद्र रात्रे (49) निवासी आजाद नगर तखतपुर पूर्व पार्षद का पति भाजपा
जाकीर खान (53) निवासी पाठकपारा तखतपुर भाजपा नेता
मुन्ना श्रीवास (64) निवासी महामायापारा तखतपुर पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष का पति और वर्तमान में पार्षद
पवन पाण्डेय (46) निवासी बेलसरी तखतपुर कांग्रेस नेता
कैलाश देवांगन (40) निवासी होलिका चौक तखतपुर भाजपा पार्षद
बउवा देवांगन (40) निवासी तखतपुर
बल्लू पटेल (32) निवासी दीनदयाल नगर मंगला
क्रेगी मार्टिन (51) निवासी विनोबा नगर बिलासपुर
देवांश डोरा (26) निवासी विद्यानगर बिलासपुर
विवेक मिश्रा (47) निवासी विद्यानगर बिलासपुर
विशाल सिंह (45) निवासी नेहरू नगर बिलासपुर


प्रदेश के अलग अलग जिलों में कानून एक कार्यवाही अलग अलग .!!

महासमुंद के बालाजी होटल के तीसरी मंजिल में बुधवार की रात चल रहे जुआ पर पुलिस ने छापा मार कार्यवाही करते हुवे 18 जुआरियों को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने इस मामले में चौथे दिन होटल को सील कर दिया है। कार्यपालिक मजिस्ट्रेट के साथ डीएसपी के नेतृत्व में पुलिस टीम बालाजी होटल पहुंची। जहां उन्होंने होटल मे रहने वालों को बाहर निकाला और होटल को छत्तीसगढ़ जुआ प्रतिषेध एक्ट के तहत सील कर दिया। बता दें कि 23 अक्टूबर 2025 की रात करीब 1.30 बजे पुलिस की टीम बालाजी होटल छापामार कार्रवाई की थी। इस दौरान पुलिस ने जुआ खेल रहे 18 लोगों को हिरासत में लिया था। मौके से पुलिस ने ताशपत्ती, 7.64 लाख कैश, 10 वाहन और 19 मोबाइल जब्त किया था। आज बालाजी होटल पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने होटल को सील कल दिया है। एडिशनल एसपी का कहना जुआ एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है। बालाजी होटल को सील किया गया है। होटल संचालक अजय नायडू की गिरफ्तारी नहीं हुई है। इतना ही नहीं महासमुंद पुलिस ने इस मामले में जुए की महफिल सजा रखने वाले जुआरियों के खिलाफ संगठित अपराध की धारा 111 और 112 की भी कार्यवाही की है ।



छत्तीसगढ़ के महासमुंद और बिलासपुर जिले दोनों जगह जुआरियों के खिलाफ कार्यवाही की है लेकिन जहां दीगर जिले में होटल को सील कर संचालक की तलाश सहित जुआरियों के खिलाफ संगठित धाराओं के तहत भी मामला दर्ज किया है वहीं दूसरी तरफ बिलासपुर जिले में हुई कार्यवाही खुल कर सामने तक नहीं आ पा रही है । होटल जीनत पैलेस और होटल संचालक के खिलाफ क्या कार्यवाही की है इसका जवाब भी पुलिस विभाग देने में आनाकानी करता नजर आ रहा है बिलासपुर जिले में जुआरियों का फोटो सेशन और प्रेस विज्ञप्ति भी जारी नहीं होना कई सवाल खड़े कर रहे है । अब देखना होगा कि बिलासपुर पुलिस अपने ऊपर लग रहे आरोपों पर क्या जवाब देती है ???

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