डेस्क खबरबिलासपुर

1 करोड़ 75 लाख की धोखाधड़ी के रसूखदार आरोपी पुलिस की गिरफ्त से बाहर , बीजेपी नेता ,बीमा एजेंट , राजस्व निरीक्षक की पुलिस कर रही तलाश .!  क्या सिविल लाइन पुलिस ने बीजेपी नेता राजेश पांडे को फरार होने का दिया था मौका .??



डेस्क खबर बिलासपुर ./  फर्जी कूटरचित दस्तावेज तैयार कर 1 करोड़ 75 लाख रु की धोखाधड़ी के फरार रसूखदार आरोपियों के अभी तक गिरफ्तार नहीं होने से बिलासपुर सिविल लाइन पुलिस सवाल के कटघरे में खड़ी नजर आ रही है । बिना जमीन के सिर्फ फर्जी दस्तावेजों के आधार पर करोड़ों रु की धोखाधड़ी करने वाले आरोपियों की बिलासपुर उच्च न्यायालय से भी अग्रिम जमानत याचिका खारिज हो चुकी है ।  बीजेपी नेता राजेश पांडे ,राजस्व निरीक्षक सुरेश सिंह ठाकुर और LIC एजेंट राजकुमार बजाज और विकास मांझी के खिलाफ जांच के बाद गैरजमानती और गंभीर धाराओं के तहत सिविल लाइन थाने में उच्च अधिकारियों के निर्देश के बाद अपराध दर्ज किया था । इस मामले में पुलिस ने सिर्फ विकास मांझी को ही गिरफ्तार कर पाई है जबकि बाकी आरोपीयो को पकड़ना अभी भी बिलासपुर पुलिस के लिए चुनौती बना हुआ है ।


फरार आरोपी काफी प्रभावशील है और इनका अपना एक अलग रुतबा है ,और इन्हें राजनैतिक संरक्षण भी मिलने के बात सामने आ रही है । सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बीजेपी नेता और पुलिस रिकॉर्ड में फरार राजेश पांडे को अपराध दर्ज होने के बाद भी कई राजनैतिक कार्यक्रमों सामाजिक गतिविधियों सहित मंदिरों में भी कई बार देखा गया है ,और मोबाइल में भी एक्टिव होने की जानकारी सूत्रों ने दी है ।


आखिर क्यों सवालों के घेरे में है सिविल लाइन पुलिस ..!


सिविल लाइन पुलिस ने इस मामले में जांच के बाद अपराध दर्ज होने का दावा किया था । सिविल लाइन पुलिस ने फर्जी दस्तावेजों को भी जब्त किया था  और गिरफ्तार आरोपी ने भी फरार आरोपियों के साथ मिलकर फर्जीवाड़े की बात भी कबूली थी । पुलिस के अधिकारियों ने भी माना कि अपराध दर्ज होने के बाद बीजेपी नेता राजेश पांडे सिविल लाइन थाने आया था , लेकिन उसके बाद भी आज तक वह पुलिस रिकॉर्ड में फरार बताया जा रहा है ।


गंभीर धाराओं और गैरजमानती अपराध दर्ज होने के बाद भी आरोपी को थाने से छोड़े जाने के बाद पुलिस पर सवाल खड़े हो रहे है .? जिन आरोपियों की बिलासपुर हाईकोर्ट ने अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी उनमें से ही एक फरार आरोपी को पुलिस ने गिरफ्त में आने के बाद फरार होने का मौका दे दिया । इतना ही पुलिस रिकॉर्ड में फरार आरोपियों की कोई तस्वीर भी उपलब्ध नहीं है जिसके आधार पर अपने सूचना तंत्रों के आधार पर आरोपियों की गिरफ्तारी जल्द किया जा सके ! तमाम है ऐसे सवाल है जिसका जवाब सिविल लाइन पुलिस और जांच अधिकारी के पास नहीं है जिसके कारण अब सवाल उठ रहे है कि आखिर किस दबाव में गंभीर अपराध के आरोपी को थाने से जाने का मौका दिया गया यह राजनैतिक दबाव था ..?? या फिर ..???


और सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर किसके कहने पर बीजेपी नेता को थाने से गैरजमानती अपराध दर्ज होने के बाद अकेले जाने का मौका दिया गया ?? और किस आधार पर पुलिस ने बीजेपी नेता , एलआईसी एजेंट ,राजस्व निरीक्षक और विकास मांझी के खिलाफ मामला दर्ज किया था ?
अब देखना होगा कि जांच के बाद सिविल लाइन थाने में गैरजमानती और गंभीर धाराओं के तहत दर्ज मामले के इन नामचीन आरोपियों को पुलिस कब तक गिरफ्तार कर पाती है । पुलिस सूत्रों की माने तो पुलिस कप्तान ने भी जल्द से जल्द फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के आदेश सिविल लाइन पुलिस को दिए है ।


गौरतलब है कि जालसाजी करने वाली चौकड़ी ने अमेरी पटवारी हल्का नम्बर . 43 गौरव पथ रिंग रोड 2 की खसरा नंबर 448/11/ग और  448/37/ ग के फर्जी दस्तावेज तैयार किए और बिना जमीन के इन दस्तावेजों के आधार पर सभी आरोपियों ने उल्लासपुर निवासी से  विजय लक्ष्मी शर्मा और रामेश्वर पांडेय के नाम से फर्जी जमीन का सौदा किया। आरोपी ने रोड़ 2 स्थित भूमि एक करोड़ 75 रूपयों में भेजा। जमीन का खसरा नं. ग है। आरोपी ने फर्जीवाड़ा कर अमरचद बर्मन को कूटरचित दस्तावेज तैयार कर बेचा दिया ।
पीड़िता यतिन्द्र वर्मन ने बताया कि रूपयों की जरूरत पड़ने पर जमीन बेचने के लिए ग्राहक की तलाश ग्राहक तलाश तलाश रहा था। इसी दौरान जानकारी मिली कि आरोपी ने जमीन का फर्जी दस्तावेज तैयार कर बेच दिया है। मामले की जानकारी के बाद पुलिस कप्तान रजनेश सिंह ने तहकीकात के बाद आरोपियों को धरपकड़ का आदेश दिया था । जांच पड़ताल के दौरान जानकारी मिली कि आरोपी ने फर्जीवाड़ा कर कूटरचित दस्तावेज तैयार किया। इसके बाद जमीन की बिक्री भी किया। जिसमें सबसे अहम भूमिका राजस्व निरीक्षक सुरेश सिंह ठाकुर की थी और इन्हीं फर्जी दस्तावेजों के आधार पर रजिस्ट्री कर 1 करोड़ 75 लाख की धोखाधड़ी की गई ।
फिलहाल चौकड़ी ठगो में पुलिस गिरफ्त में आया एक आरोपी विकास मांझी अभी भी जेल में बंद है जबकि तीन शातिर फरार जालसाज ठगो को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस तलाश जी जान से जुटी हुई है ।

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