
डेस्क खबर कोरबा:- छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत उत्पादन कंपनी पश्चिम एचटीपीपी में अलग ही सेटिंग चल रहा है,
दरअसल कमीशन के खेल को लेकर कुछ चुनिंदा ठेकेदार और अधिकारियों के मध्य ऐसा तालमेल बैठा हुआ है कि विद्युत कंपनी के अधिकृत पोर्टल से निविदा की जानकारी ही गायब हो जाती है।
एचटीपीपी दर्री के सिविल विभाग में कुछ ऐसे अधिकारियों का आगमन हो चुका है जो विद्युत् कंपनी के नहीं अपितु अपने चुनिंदा ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से कार्यरत है।
दरअसल विद्युत कंपनी के अधिकृत वेबसाइट cspc.co.in के भीतर आवश्यक रूप से ₹30000 (तीस हजार)से अधिक की निविदा का प्रकाशन किया जाना अनिवार्य है ।
लेकिन कुछ माह से वित्तीय वर्ष आरम्भ होते ही छोटे टेंडर मानो एका एक गायब हो गए हो।
वहीं मैदानी स्तर पर वही चुनिंदा कुछ ठेकेदार गुप्त रूप से टेबल के नीचे से निविदा प्राप्त कर अधिकारियों से सेटिंग कर कुछ काम अपूर्ण कर छोड़ चुके हैं ,और कुछ कार्य बिना किए ही पैसों की बंदरबाट कर चुके हैं।
बगैर गुणवत्ता हैं और सेटिंग से किए गए काम का असर अब दिखने लगा है ।
आवासीय परिसर में कचरे का अंबार,सीवरेज लाइन से स्लैब का गायब होना, पहली बारिश में ही राखड़ बांध का बह जाना, लाखों की पुताई का बारिश में धूल जाना,बरसात में नाली की साफ सफाई ठीक न होने से घरों के भीतर पानी भर जाना ऐसे कई कार्य है जिनके लिए विद्युत् कंपनी लाखों खर्च कर चुकी है पर कार्य की गुणवत्ता जस की तस है।
वही बात की जाए कोरबा पूर्व स्थित (DSPM प्लांट)डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी ताप विद्युत संयंत्र की तो वहां की निविदा की प्रत्येक जानकारी विद्युत कंपनी के ऑफिसियल वेबसाइट पर आप देख सकते हैं ।
ऐसे में सहज या नाज लगाया जा सकता है कि एचटीपीपी दर्री क्षेत्र के अधिकारियों की सेटिंग से दिन-रात कुछ चुनिंदा ठेकेदार फल फूल रहे हैं ।आखिर यह कब तक होगा देखने वाली बात होगी क्योंकि प्रत्येक सप्ताह के अंत में उत्पादन कंपनी के (एम.डी) एस.के कटियार का दौरा भी लगा रहता है। ऐसे में अगर यह चर्चा उन तक पहुंचती है तो निश्चित तौर पर सिविल अधिकारीयो की पेशी लगना लाजमी है।

