डेस्क खबरबिलासपुर

गोंदिया-झड़सुगुड़ा मेमू ट्रेन में महिला बोगी पर पुरुषों  का कब्जा .शिकायत के बाद भी गंभीर नहीं रेल प्रशासन ..!
रेलवे प्रशासन की लापरवाही उजागर , जिम्मेदार नहीं दे महिला सुरक्षा पर ध्यान ..!!


डेस्क खबर बिलासपुर …/ एक तरह कहा दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे जोन में बैठे अधिकारी महिलाओं के प्रति सुरक्षा के दांवे करते नजर आते है, वही इसके उलट ट्रेनों के अंदर से महिलाओं द्वारा भेजी गई तस्वीरें और लगाए गए गंभीर आरोप रेलवे प्रशासन के दावों की पोल खोलते नजर आ रहे है । बिलासपुर से अकलतरा के बीच चलने वाली गोंदिया-झड़सुगुड़ा मेमू (68861) ट्रेन में महिला बोगी में लगातार पुरुषों की अवैध मौजूदगी और सुरक्षा में लापरवाही को लेकर महिलाओं ने गंभीर शिकायतें दर्ज कराई हैं। महिला यात्रियों के अनुसार, महिला कोच में पुरुष यात्री जानबूझकर घुस जाते हैं और भीड़ का फायदा उठाकर महिलाओं को धक्का-मुक्की का शिकार बनाते हैं।इस दौरान कुछ असामाजिक तत्व भीड़ का फायदा उठाते हुए महिलाओं को गलत तरीके से छुते भी रहते है और विरोध करने पर लड़ाई झगड़े करते है।



एक महिला यात्री ने बताया कि कई बार रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स (RPF) को शिकायत देने के बावजूद समय पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती। आरपीएफ जवान अक्सर मौके पर समय से महिलाओं के कोच के अंदर तक नहीं पहुंचते, और ना ही पुरुष यात्रियों को रोकने का प्रयास करते है जवानों के लापरवाही के कारण  महिलाओं को असुरक्षित माहौल और डर भय के साए में यात्रा करनी पड़ती है। महिला यात्रियों ने यह भी आरोप लगाया कि जब उन्होंने RPF के जवान को कोच से आवाज लगाकर बुलाया तो जवान ने मदद करने के बजाय अभद्र भाषा में जवाब दिया और कहा, “पहले क्यों नहीं बताया? अब ट्रेन छूट रही है तो बता रहे हो, अब झेलो।”



शिकायतकर्ता अंकित जी ने भी इसी मुद्दे को लेकर कई बार शिकायत की, लेकिन आज तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। लगातार शिकायतों और महिला यात्रियों की परेशानी के बावजूद RPF  के जवान अपनी जिम्मेदारियों से बचती नजर आ रहे है।


महिलाओं ने बताया कि उन्होंने कोच में पुरुषों की भीड़ की तस्वीरें भी सबूत के तौर पर ली हैं, फिर भी कोई सख्त कदम नहीं उठाया गया। यह स्थिति न केवल रेलवे की लापरवाही को दर्शाती है, बल्कि रेलवे की यात्रा में महिला यात्रियों की सुरक्षा पर भी गंभीर प्रश्न खड़े करती है। महिला यात्रियों ने मांग की है कि महिला कोच में सुरक्षा व्यवस्था मजबूत की जाए और दोषियों पर त्वरित कार्रवाई हो ,साथ ही महिलाओं की सुरक्षा को लेकर डब्बे के अंदर एक जवान की हो ताकि बिना किसी भय और डर के महिलाएं सुरक्षित यात्रा कर सके ।

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