डेस्क खबरबिलासपुर

नामचीन आदतन बदमाश के खिलाफ पुलिस की दरियादिली, थाने से मुचलके पर किया रिहा…! नायाब तहसीलदार का पति और निगम अधिकारी के बेटे ने दी थी सीनियर सिटीजन को जान से मारने की धमकी..!

डेस्क खबर../ बिलासपुर सिविल लाइन पुलिस ने नायब तहसीलदार श्वेता यादव के पति और निगम अधिकारी सुरेश बरुआ के बेटे अभय बरुआ को गिरफ्तार कर थाने से मुचलके पर रिहा करने के बाद पुलिस की कार्यवाही शहर मे चर्चा का विषय बनी हुई है। सीनियर सिटीजन को जान से  मारने की धमकी देने वाले आदतन बदमाश को थाने से मुचलके पर रिहा कर दिया गया। अभय बरुआ पर आरोप है कि उसने इंदु चौक के पास रहने वाले  महेशचंद्र अग्रवाल को उसकी जमीन पर कब्जा करने की धमकी दी और जान से मारने की धमकी भी दी थी। जिसकी शिकायत के बाद नामचीन भूमाफिया को सिविल लाइन थाने भी लाया गया था लेकिन पुलिस ने दरियादिली दिखाते हुए जमानती धाराओ के तहत मामला दर्ज किया था।जबकि अभय बरुआ के खिलाफ शहर के अलग अलग थानो मे कई गंभीर मामले भी दर्ज है। सब कुछ जानकारी होने के बाद बुजुर्ग को धमकी देने के मामले मे आरोपी के खिलाफ पुलिस ने प्रतिबंधात्मक धारा के तहत भी कार्रवाई करना मुनासिब नही समझा और सीनियर सिटीजन के साथ इस प्रकार से जान से मारने की धमकी देने वाले आपराधिक प्रवृति के आरोपी को थाने से मुचलका देकर रिहा कर दिया।


मिली जानकारी के अनुसार घटना की शुरुआत तब हुई जब महेश चंद्र अग्रवाल ने सिविल लाइन थाना में एक लिखित शिकायत की जिसमें उन्होंने कहा कि इंदु चौक में उसकी जमीन है, जो अभय बरुआ की जमीन से लगी हुई है। महेश चंद्र अग्रवाल के मुताबिक अभय बरुआ उनके घर पर आकर उन्हें धमकी देते हुए कह रहे थे कि वह उनकी जमीन पर कब्जा करना चाहता हैं। अभय ने महेश से कहा कि यदि वो जमीन उन्हें नहीं देंगे तो वह उसे जान से मार देंगे। महेश चंद्र अग्रवाल ने इस धमकी के बाद तुरंत सिविल लाइन थाने में शिकायत दर्ज करवाई। पुलिस ने मामले में अभय बरुआ को थाना तलब कर अपनी कार्रवाई कर  गिरफ्तार कर लिया। हालांकि पुलिस ने डर के मारे उसे थाने से ही मुचलके पर छोड़ दिया। पुलिस की ये दरियादिली शहर में चर्चा का विषय है। क्योंकि अभय बरुआ पर पहले भी अलग अलग थानों में कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। थानों में उनका आपराधिक रिकॉर्ड भी मौजूद है, इसके बावजूद पुलिस की कार्यवाही से सवाल उठ रहे है।



वही इस मामले को लेकर कानून के जानकारों ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि आदतन निगरानी बदमाशों की सूची पुलिस के पास होने के बाद कार्रवाई में लापरवाही बरती गई।जिसके कारण शहर में अमन चैन समाप्त हो रहा है।इस तरह के आदतन बदमाश अब सीनियर सिटीजन को अपना निशाना बनाकर जमीन हड़पा कर अपना स्वार्थ पूरा कर रहा है।ऐसे लोगों को थाना से छोड़ना पुलिस और उनकी कार्रवाई पर संदेह पैदा करता है।

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