
छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां एक निर्दोष मासूम की निर्मम हत्या ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया। तीन साल की नन्ही खुशी, जिसका नाम ही उसकी मासूमियत को दर्शाता था, अपने ही घर में उस क्रूरता का शिकार बनी, जिसकी कल्पना मात्र से ही रूह कांप उठे।
जब घर में कोई नहीं था, तब उसका चाचा वहां पहुंचा और एक धारदार हथियार से उस मासूम की गर्दन रेत दी। मासूम खुशी दर्द से कराहने भी न पाई, और मौके पर ही उसकी सांसें थम गईं। एक चाचा, जो रक्षाकवच होना चाहिए था, वही भक्षक बन बैठा। पारिवारिक विवाद की आड़ में उसने जो पाप किया, उसे सुनकर इंसानियत भी शर्मसार हो गई।
पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन यह सवाल पीछे छोड़ गया है—क्या कोई विवाद इतना बड़ा हो सकता है कि उसकी आग में मासूम जिंदगी को झोंक दिया जाए? यह हत्या नहीं, इंसानियत पर लगा ऐसा कलंक है, जिसे वक्त भी नहीं मिटा सकता। खुशी की हत्या सिर्फ एक बच्ची की मौत नहीं, बल्कि समाज के संवेदनहीन होते जाने की भयावह तस्वीर है।
