बिलासपुर

स्मार्ट सिटी बिलासपुर में व्हीलचेयर का अभाव: बुजुर्ग दिव्यांग घसीटने को मजबूर..!
कलेक्टर के दरबार मे सिस्टम की मार ..आधार कार्ड के लिए घसीटने को मजुबर दिव्यांग और लाचार..!



बिलासपुर, छत्तीसगढ़ की न्यायधानी बिलासपुर स्मार्ट सिटी बनने की ओर अग्रसर है। करोड़ों रुपए के खर्च से शहर को संवारने के दावे किए जा रहे हैं। लेकिन कलेक्ट्रेट परिसर में बुनियादी सुविधाओं का अभाव स्मार्ट सिटी के दावों को खोखला साबित कर रहा है। बिलासपुर जिले मे कलेक्टर के दरबार मे आधार कार्ड बनवाने आया एक 73 साल का बुजुर्ग व्हील चेयर नही मिलने की वजह से घसीट कर चलता हुआ नजर आया।

करबला निवासी दिव्यांग बुजुर्ग जगदीश सिंह आधार कार्ड बनवाने की समस्या लेकर कलेक्टर कार्यालय पहुंचे। उनकी फरियाद पर कलेक्टर ने उन्हें चॉइस सेंटर जाने को कहा। लेकिन परिसर में व्हीलचेयर उपलब्ध न होने के कारण उन्हें घसीट-घसीट कर चलने को मजबूर होना पड़ा।


जगदीश ने बताया कि जिस कर्मचारी को उनकी मदद के लिए भेजा गया था, उसने उनकी हालत देखकर यह कह दिया कि “तुम्हें वहां पहुंचने में आधा घंटा लगेगा, तुम चलो, मैं आता हूं।” मजबूर बुजुर्ग ने मीडिया को अपनी व्यथा सुनाते हुए परिसर में व्हीलचेयर की व्यवस्था की मांग की। 73 वर्षीय दिव्यांग जगदीश ने अपनी पीड़ा साझा करते हुए बताया की सड़क किनारे जब वह सो रहा था उसी दौरान किसी ने उनके पैरो पर गाड़ी चढ़ा दी थी, जिसके कारण वे चलने फिरने मे असमर्थ है। ना तो इस बुजुर्ग के पास खुद का मकान है और ना ही ट्रायसाइकिल..??

बिलासपुर के कलेकट्रेट परिसर की इस घटना ने एक बार फिर अफसरशाहों का सच सामने लाया है। यह घटना प्रशासन और स्मार्ट सिटी परियोजना पर सवाल खड़े करती है। दिव्यांगों और बुजुर्गों के लिए बुनियादी सुविधाओं का अभाव न केवल असुविधा बल्कि संवेदनहीनता को भी उजागर करता है। स्मार्ट सिटी की परिकल्पना सभी के लिए है, लेकिन ऐसी लापरवाही पर कार्रवाई जरूरी है।

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