बिलासपुर

न्यायधानी मे बुजुर्ग महिला से सामूहिक दुष्कर्म ?? या हत्त्या की साजिश..??
कानून व्यवस्था पर उठे सवाल..!! सरकंडा पुलिस की घोर लापरवाही आई सामने..!
सिम्स अस्पताल मे हुआ चौकाने वाला खुलासा, क्या उच्च अधिकारी लेंगे संज्ञान..??

डेस्क खबर बिलासपुर../ प्रदेश की न्यायधानी बिलासपुर के सरकंडा थाना क्षेत्र मे एक बुजुर्ग महिला से सामूहिक दुष्कर्म का मामला सामने से इलाके मे हड़कंप मच गया.. वही सरकंडा पुलिस ने इतने गंभीर अपराध मे घोर लापरवाही बरतते हुए 307 के तहत मामला दर्ज कर मामले को दबाने की कोशिस करती नजर आ रही है.!  बुजुर्ग महिला के परिजनों का आरोप है की मामले मे आरोपियों को बचाने के लिए पुलिस अलग खेल खेल रही है।
परिजनों और आसपास के लोगो से मिली जानकारी के अनुसार 65 वर्षीय बुजुर्ग महिला जो पेंशन के दम पर सरकंडा क्षेत्र मे अकेले रहती थी उस पर कुछ लोगो ने जानलेवा हमला कर पत्थर से उसके सिर और छाती पर गंभीर वार कर उसकी हत्त्या करने की कोशिश भी की।


मंगलवार की सुबह करीब 8 बजे जब क्षेत्र मे रहने वाले लोगो ने लहुलुहान अवस्था मे महिला को घर के बाहर नग्न अवस्था मे देखा तो इसकी सूचना उनके परिजनों और पुलिस को दी आसपास के लोगो ने दावा किया है की बुजुर्ग महिला के शरीर पर किसी प्रकार का कोई कपड़ा नही था। किसी तरह डायल 112 की गाड़ी घटनास्थल मे होने के बाद भी गंभीर हालात मे आटो के माध्यम से सिम्स अस्पताल मे करीब सुबह साढ़े 9 बजे भर्ती करवाया गया। जिसके बाद महिला की हालत गंभीर होने पर रायपुर एम्स रिफर कर दिया गया..जहाँ उसकी स्तिथि खबर लिखे जाने तक नाजुक बनी हुई है

मानवता हुई शर्मसार…पुलिस की दिखी घोर लापरवाही…!

एक बुजुर्ग महिला के साथ सामूहिक दुराचार की घटना मे सरकंडा पुलिस की घोर लापरवाही देखने को मिली है.. घटनास्थल पर नग्न अवस्था मे घायल महिला के मिलने की पुख्ता जानकारी होने के बाद भी थाना प्रभारी ने इस मामले मे धारा 307 के तहत मामला दर्ज किया जिसके कारण महिला सम्बन्धित गंभीर आरोप पर पुलिस की कार्यवाही संदेह के घेरे मे है..?


सिम्स मे हुआ चौकाने वाला खुलासा.. आज पुलिस ने भेजा मेमो..!!


महिला को मंगलवार की सुबह सिम्स अस्पताल भेजा गया था और मंगलवार को ही रात 9 बजे रायपुर रेफर कर दिया गया था.! आज सुबह जब मीडिया को मानवता को शर्मसार करने वाली दरिदंगी और हैवानियत की खबरों की जानकारी लगी तो तो इसकी जानकारी लेने पर थाना प्रभारी निलेश पांडे ने सामूहिक दुष्कर्म के परिजनों के आरोप को सिरे से खारिज करते हुए सिर्फ महिला पर जानलेवा हमले की पुख़्ता पुष्टि की.. !


वही जब मीडिया की टीम ने पूरे मामले मे सिम्स अस्पताल जा कर प्रबन्धन से मिली जानकारी मे चौकाने वाला खुलासा हुआ है..! सिम्स प्रबन्धन से मिली जानकारी के अनुसार महिला को कल रात ही उसकी हालत को देखते हुए रायपुर के एम्स रिफर् कर दिया गया है। मीडिया संस्थानों को बुजुर्ग महिला से सामूहिक अनाचार की घटना मे दिलचस्पी को देखते हुए थाना प्रभारी निलेश पांडे ने पुलिस की लापरवाही को दबाने के लिए आनन फानन मे करीब 2 बजे के आसपास अस्पताल मे में मो भेज आशंका जताई की महिला के साथ कुछ गलत काम किया गया है..। सिम्स अस्पताल मे भर्ती करवाये जाने के करीब 28 घंटे के बाद आये थाने से आये कागज से सिम्स प्रबन्धन भी असमंजस मे आ गया क्योकि तब तक महिला को रायपुर भेजा जा चुका था.! डाक्टर ने भी माना है की पुलिस ने इस मामले मे गंभीर लापरवाही बरती है और यदि परिजनों ने पुलिस से किसी घटना का संदेह जारी किया था तो तत्काल पुलिस को इसपर एक्शन लेना चाहिए साथ ही डाक्टरो ने बातचीत मे जानकारी भी दी की समय बीत जाने के बाद मेडिकली सबूत भी नष्ट हो जाते है और मेडिकली अदालत मे दुष्कर्म साबित करना मुश्किल होता है,। शायद यही कारण होगा की पुलिस ने मामले को दबाने और आरोपियों को बचाने के लिए महिला सबन्धित अपराध होने के बाद भी मेडिकल परीक्षण नही करवाया होगा..?


घटना के 30 घंटे के बाद अकेले पहुँचे जांच अधिकारी.. परिजनों से करवाया सेम्पल इकट्ठा..!

वही तमाम जानकारी होने के बाद भी सरकंडा प्रभारी निलेश पांडे ने वी आई पी  ड्यूटी का हवाला देखकर एक सब इंस्पेक्टर को अकेले ही इतने संवेदनशील मामले का जांच करने घटनास्थल पर भेज दिया ना तो जांच करने पहुंचे सब इंस्पेक्टर के साथ ना तो फॉरेंसिक टीम थी और ना ही कोई महिला आरक्षक या विवेचक ..

इतना ही नही मामले मे मौके पर मौजूद खून, मिट्टी और सबूतो को भी परिजनों के हाथो उठवाया गया..!

अपने आप को बचाने के लिए सरकंडा प्रभारी के निर्देश मे आज अलग अलग हथकंडे अपनाये गए लेकिन मीडिया की तहकीकात मे पुलिस की घोर लापरवाही सामने आ ही गई। परिजनों का भी आरोप है की पुलिस ने सामूहिक अनाचार की  आशंका को नजरअंदाज करते हुए आरोपियों को बचाने का खेल खेलने की कोशिश की है। एक बुजुर्ग महिला के साथ हुई इस हैवानियत के बाद पुलिस द्वारा आरोपियों को बचाने का आरोप लगाते हुए परिजन अब इस मामले मे दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ उच्च अधिकारियों से शिकायत करने के मुड़ मे नजर आ रहे है।
अब देखना होगा सरकंडा पुलिस पर लगे गंभीर आरोपो को उच्च अधिकारी कितनी गंभीरता से लेते है और ऐसे अति सवेदनशील मामले मे गंभीर लापरवाही बरतने और आरोपियों को बचाने का प्रयास करने वाले दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कितना सख्त एक्शन लेते है..?

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