डेस्क खबर ../ बिलासपुर के सिरगिट्टी क्षेत्र में अचानक अपराध के ग्राफ तेजी से बढ़े है जिसकी मुख्य वजह बिलासपुर के सिरगिट्टी क्षेत्र में कबाड़ियों के फैल रहे तेजी से साम्राज्य को माना जा रहा है । बिना किसी खौफ और बेहिचक दिन रात नामी कबाड़ियों की मिलीभगत से चोरी का माल खुलेआम खपाया जा रहा है। बताया जाता है कि बिना नंबर की पिकअप और ट्रकों से चोरी का सामान इन कबाड़ियों के गोदामों में पहुंचाया जाता है। सूत्रों के अनुसार, इन कबाड़ियों के पुलिसकर्मियों से अच्छे संबंध हैं, जिनकी मदद से कारोबार को बेखौफ चलाया जाता है। क्षेत्र के छोटे कबाड़ियों का कहना है कि शहर के विभिन्न हिस्सों से कबाड़ इकट्ठा कर नामचीन कबाड़ियों को बेचा जाता है। जिसके कारण क्षेत्र में कबाड़ियों की तादाद दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है ।
स्थानीय लोगों के मुताबिक, भोलू, इमरान, जावेद और फारूक जैसे कबाड़ी अवैध कारोबार चला रहे हैं, जिनके गोदामों में चोरी का माल दिन-रात लोड और डिस्पैच होता है। गोदामों के बाहर सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, जबकि अंदर लोहे की कटाई और गलाने के उपकरण मौजूद हैं सूत्र तो यहां तक दावा करते है कि और इन्हीं उपकरणों की मदद से शहर में चोरियों की गाड़ियों को खपाने का काम भी नामचीन कबाड़ियों के यहां किया जा रहे है । कई बार बिलासपुर पुलिस सहित रेलवे पुलिस ने भी नामजद इन आरोपियों के खिलाफ कार्यवाही करते हुए बेहिसाब सरकारी और रेलवे का चोरी का मॉल भी बरामद किया है लेकिन संरक्षण के चलते और लगातार इनके गोदामों की जांच नहीं होने के कारण इनका धंधा इन दिनों अपने चरम सीमा पर है । एक सूत्र से मिली जानकारी के अनुसार क्षेत्र में एक ठेले से कबाड़ की दुकान शुरू करने वाले एक कबाड़ी ने क्षेत्र में 3 करोड़ की जमीन खरीदी है । मिली जानकारी के अनुसार कांग्रेसी सत्ता में शुरू किए गए एक नेता ने धीरे धीरे अपने परिचित को इस धंधे में शामिल कर क्षेत्र को कबाड़ खपाने का गढ़ बना दिया है ।
कबाड़ियों की दुकानों के ग्राफ के साथ क्षेत्र में चोरी की वारदाते का ग्राफ भी तेजी से बढ़ रहा है जिसपर अंकुश लगाने में थाना प्रभारी गंभीर नहीं दिख रहे है । जबकि हालही में एक ऑडियो के सामने आने के बाद थाने के दो पुलिसकर्मियों को लाइन अटैच कर दिया था । पुलिस सूत्रों की माने तो थाना क्षेत्र में चल रही हर गैरकानूनी गतिविधि की जानकारी अधिकारियों को रहती है लेकिन कार्यवाही सिर्फ आरक्षकों पर ही होती है । इस बारे में जब हमने थाना प्रभारी साहब को लगातार दो दिन सरकारी नम्बर पर बात करने की कोशिश की लेकिन फोन रिसीव नहीं हो सका । इसलिए इस मामले में थाने का पक्ष सामने नहीं आ सका है ।
चिंता का विषय यह भी है कि इस कारोबार में कई नाबालिग और युवा नशे की गिरफ्त में फंस रहे हैं। छोटे बच्चे और युवा कबाड़ बिनने का काम करते हैं, और नशे की लत के चलते छोटी-मोटी चोरियों में भी शामिल हो जाते हैं जिसके कारण क्षेत्र में कानून व्यवस्था चरमराई है अब देखना होगा कि कबाड़ के इस साम्राज्य पर अंकुश लगाने के लिए कब पुलिस प्रहार करती है और कब तक अंकुश लगा पाती है ताकि क्षेत्र में चोरी की घटनाओं पर अंकुश लगने सहित नशे के साम्राज्य पर शिकंजा कसा जा सके ।