कोरबा

कोरबा जनपद में शिक्षाकर्मी भर्ती में गड़बड़ी: दस्तावेज गायब और संदिग्ध गतिविधिया.! कौन है मास्टर माइंड .! क्या शासन स्तर में होगी जांच ..?

डेस्क खबर / कोरबा जिले में शिक्षाकर्मी वर्ग 3 की भर्ती में गंभीर अनियमितताएं उजागर हुई हैं। हाल ही में दो महत्वपूर्ण दस्तावेज गायब हो गए हैं, और चयन प्रक्रिया में गड़बड़ी की खबरें सामने आ रही हैं। पत्र क्रमांक 561, दिनांक 22/05/2024 के अनुसार, कार्रवाई में केवल 4 लोगों को दोषी ठहराया गया है, जबकि बाकी 6 लोग बख्शे गए हैं। इनमें से एक महिला प्रधानपठिका और अन्य दो का रिकॉर्ड जनपद में अनुपलब्ध है। चयन समिति की लापरवाही को नजरअंदाज किया गया है, जो चिंताजनक है।

 

 

**नए प्रकरण और दस्तावेज की गड़बड़ी**

 

वित्तीय वर्ष 2007 में भर्ती हुए शिक्षाकर्मी वर्ग 3 के कई दस्तावेज गायब हो गए हैं। कु. रमला कंवर, रामकुमारी साहू, और मेषराम पटेल की नियुक्ति पर सवाल उठाए जा रहे हैं। इन शिक्षाकर्मियों के दस्तावेज और अनुभव प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए हैं, जिससे नियुक्ति प्रक्रिया में घोटाले की संभावना है।

 

**लदेर बाबू की भूमिका और दस्तावेज की सुरक्षा**

 

जनपद पंचायत कोरबा के सहायक ग्रेड 2, अमृत लदेर की अभिरक्षा में शिक्षाकर्मियों के दस्तावेज रखे गए थे। अब जब ये दस्तावेज गायब हो गए हैं, तो विभाग में गहरी अनियमितता की आशंका बढ़ गई है। लदेर के रिटायर होने के बाद भी जांच की मांग की जा रही है।

 

**आरटीआई कार्यकर्ता की शिकायत**

 

आरटीआई कार्यकर्ता जितेंद्र कुमार साहू ने छत्तीसगढ़ शासन के सामान्य प्रशासन विभाग को पत्र लिखकर मामले की जांच की मांग की है। उन्होंने वित्तीय वर्ष 2007 की भर्ती से संबंधित दस्तावेज और जानकारी की मांग की, लेकिन अभी तक पूरी जानकारी प्राप्त नहीं हो पाई है।

 

 

शिक्षाकर्मी भर्ती में दस्तावेजों की गड़बड़ी और फर्जीवाड़े की जांच निष्पक्ष और संपूर्ण तरीके से की जानी चाहिए। इससे संबंधित अधिकारियों पर उचित कार्रवाई की जाए और बेरोजगारी का शिकार हुए पात्र उम्मीदवारों को न्याय मिले, यह सुनिश्चित किया जाना आवश्यक है।

इसके बाद सवाल खड़े हो रहे है कि कोरबा जनपद पंचायत में शिक्षाकर्मी भर्ती गड़बड़ी मामले का मुख्य सूत्रधार कौन है .? और चयन समिति में शामिल किन लोगो के इशारे पर इन शिक्षिको की नियुक्ति की गई थी .?

और सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या इस फर्जीवाड़े और दस्तावेज गायब होने के गंभीर प्रकरण की शासन प्रशासन स्तर पर जांच होगी .?

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