डिप्टी सीएम के विभाग में अधिकारियों की तानशाही .! निगम उपायुक्त का अजीबो गरीब बयान .. कहा मुझे नहीं कोई अधिकार.! सिर्फ नोटिस देना मेरा काम .? निगम आयुक्त की जानकारी में मामला फिर भी नहीं हो रही कार्यवाही .!
बिलासपुर ..बिलासपुर नगर निगम का तानाशाही का हंटर सिर्फ गरीब और बेबसो पर चलता है .और निगम का बुलडोजर भी हैसियत और कद के हिसाब कार्यवाही करता है ..यह साफ हो गया ..ठीक बारिश से पूर्व गरीबों और मासूम बच्चों को बेघर कर भरी बरसात और गर्मी की तपिश में मलवे के बीच छोड़ दिया ..
शनिचरी रपटा पार कर गरीबों का मकान ढाहने वाले निगम के अधिकारियों को रपटा के पहले सरकारी जमीन पर बनी अवैध दुकाने नजर नहीं आई ..
मेलपारा में बेघर लोगो ने आरोप लगाया कि निगम ने बिना नोटिस दिए उनके मकान को तोड़ दिया ..लेकिन 4 महीने पहले इन अवैध दुकानों को नोटिस में एक हफ्ते का समय देने वाला निगम प्रशासन महीनों बीत जाने के बाद भी इन रसूखदार व्यापारियों पर कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है ..
माथा देखकर तिलक लगाने की कहावत को चरित्रतार्थ करते निगम के अधिकारी नजर आ रहे है ।
वही इस मामले में निगम कमिश्नर से लेकर भवन शाखा ,बाजार शाखा में बैठे अफसर बहानेबाजी कर समय गुजार रहे है पर कार्यवाही नहीं हो रही है ..!
वही बालिमकी चौक और रपटा के बीच बनी सरकारी दुकानों को अवैध मान नोटिस जारी करने वाले उपायुक्त और रजिस्टार सती यादव ने इस मामले को लेकर अजीबो गरीबों बयान दिया है ..! साहब का कहना है कि उन्हें निगम की कार्यवाही के बारे में कुछ पता नहीं होता है .उनका काम सिर्फ नोटिस जारी करना है और वे किसी और कार्य के लिए जिम्मेदार नहीं है और न ही उन्हें पता है कि निगम में क्या चल रहा और क्या कार्यवाही हों रही है ..निगम में जो भी होता है वो सिर्फ आयुक्त अमित कुमार के निर्देश पर होता है ..और वे सिर्फ इन दिनों सिर्फ नोटिस जारी करने का ही काम कर रहे है ..
इस बारे में निगम कमिश्नर से बात करने की कोशिश की गई लेकिन चर्चा नहीं हो पाई .
उपायुक्त सती यादव की माने तो निगम में सिर्फ कमिश्नर के आदेश का ही पालन होता है जो की सही भी हैं लेकिन जब निगम कमिश्नर को उनके अधीनस्थ निगम अफसरों ने इन दुकानों के अवैध होने से अवगत करवा दिया है , तो कमिश्नर साहब इन दुकानों को ध्वस्त करने के आदेश क्यों जारी नहीं कर रहे .? यह बड़ा सवाल है जिसके चलते आयुक्त अमित कुमार सवालों के घेरे में खड़े नजर आ रहे है .?
जबकि मानसून के आने और मौसम विभाग द्वारा भारी बारिश के एलर्ट के अवैध कब्जा कर अपने परिवार के साथ निवास करने वाले गरीब परिवारों को बेघर कर दिया गया और वही मुख्य मार्ग में सरकारी जमीन पर बनी यह दुकानें अपने आप में निगम के अधिकारियों की तानाशाही खुद बया कर रही है .।
हालाकि सच यह भी है अवैध कब्जाधारियों के समर्थन में खड़े आ रहे कांग्रेसी नेताओं को रपटा के पहले कांग्रेस राज में बनी सरकारी जमीन पर बनी यह दुकानें नजर नहीं आ रही है ।
अब देखना होगा की गरीबों के अवैध मकानों पर बुलडोजर चलवाने का आदेश देने वाले निगम कमिश्नर कुमार सरकारी जमीन पर बनी अवैध दुकानों को ध्वस्त करने का फरमान कब जारी करते है .। क्योंकि उपायुक्त का कहना है कि निगम में सिर्फ कमिश्नर साहब के आदेश का पालन होता है ।