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छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में ईडी की कार्यवाही को सुप्रीम कोर्ट ने किया निरस्त,टुटेजा पिता– पुत्र को राहत

CG sharab ghotala:– छत्तीसगढ़ के पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा व उनके पुत्र यश टुटेजा समेत 6 याचिकर्ताओं की याचिका पर ईडी के द्वारा की गई मनी लांड्रिंग की कार्यवाही को सुप्रीम कोर्ट ने निरस्त कर दिया है।

नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ शराब घोटाले मामले में ईडी की कार्यवाही को सुप्रीम कोर्ट ने निरस्त कर दी है l ईडी ने शराब घोटाले मामले में मनी लांड्रिंग की कार्यवाही की थी। जिसमे अनिल व यश टुटेजा को आरोपी बनाया गया था। जिसके खिलाफ टुटेजा समेत 6 आरोपियों ने सर्वोच्च न्यायालय में याचिका लगाई थी।

आज सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस उज्जवल भुईयां और जस्टिस अभय एस ओका की बेंच में याचिका पर सुनवाई हुई। इससे पहले पांच अप्रैल को भी सुनवाई हुई थी। सुनवाई में याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता ने ईडी की कार्रवाई को गलत बताते हुए कहा था कि ईडी ने धन वसूली का स्रोत नहीं बताया है और मनी लॉन्ड्रिंग का कोई सबूत नहीं है। जबकि ईडी के अधिवक्ताओं ने कहा कि 2019 से 22 में छत्तीसगढ़ में बड़े पैमाने पर शराब घोटाला किया गया। जिसमें 2000 करोड रुपए से अधिक की वसूली हुई। सीएसएमएल के माध्यम से शराब की खरीदी और बिक्री हुई इस दौरान वसूली हुई। इस पूरे सिंडिकेट के सरगना अनिल टूटेजा थे। इसकी जानकारी विभागीय मंत्री कवासी लखमा को भी थी। ईडी की चार्जशीट के मुताबिक आबकारी आयुक्त निरंजन दास और मंत्री कवासी लखमा को 50–50 लाख हर महीने दिए जाते थे। नकली होलोग्राम बोतलों में चिपका बिना स्कैनिंग के ही शराब की सप्लाई की जाती थी।

मामले में सुप्रीम कोर्ट के द्वारा 11 माह पहले अनिल टुटेजा और उनके पुत्र यश टुटेजा की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी। इसके बाद उन्होंने ईडी द्वारा की गई मनी लांड्रिंग की कार्यवाही को निरस्त करने के लिए याचिका लगाई थी। याचिकाकर्ताओ के अधिवक्ता ने बताया कि ना तो कोई अपराध हुआ है और ना ही अपराध से कोई धन वसूली हुई है। लिहाजा अपराध नही बनता।

सारे तर्कों को सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अनिल टुटेजा, यश टुटेजा अनवर ढेबर,अरुणपति त्रिपाठी,सिद्धार्थ सिंघानिया करिश्मा ढेबर के खिलाफ ईडी द्वारा की गई कार्रवाई को निरस्त कर दिया है।

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