बिलासपुर।बिलासपुर के कलेक्टर ऑफिस के सामने आज एक अजीबोगरीब घटना देखने को मिली जहां एक सरकारी गाड़ी में शराब की पेटियां रखे हुए थे लेकिन मौके पर ड्राइवर नजर नहीं आ रहा था थोड़ी देर बाद जब दो व्यक्ति वहां पर पहुंचे तो पत्रकारों के पूछने पर उन्होंने बताया कि आबकारी ऑफिस में अधिकारियो के कहने पर वे शराब की पेटियां लेकर पहुंचें है, लेकिन अधिकारी का नाम पूछने पर गाड़ी ड्राइवर मौके से नदारद हो गया.. मौके से फरार ड्राइवर का लंबे समय तक नहीं आता पता नहीं चला लेकीन गाड़ी लंबे समय तक कलेक्टर ऑफिस के सामने खड़ी रही ..पहले ड्राइवर ने कलेक्टर दफ्तर के सामने सड़क में गाड़ी खड़ो और एक पेटी शराब ( ड्राइवर के कथन नुसार ) उतारकर पुरानी कंपोजिट बिल्डिंग के आफिस में पहुचाई और जब और पेटिया लेने वापिस गाड़ी के पास पहुँच तो मीडियाकर्मियों के कैमरे को देखकर दोनों कर्मचारी मुह छुपाकर भागते नजर आए ।
वही भाग रहे ड्राइवरों ने कबूला की अधिकारी के कहने पर ही ये शराब की पेटिया सरकारी गाड़ी में लाई गई है । वही इस मामले मे आबकारी विभाग का कहना है कि यह गाड़ी उड़नदस्ते की है और संभागीय कार्यालय के अधिकारियों से इस बारे में बात कीजिये जब पूरे मामले के लिए भगत साहब से जानकारी लेनी चाही तो उन्हीने फोन रिसीव करना किन्ही कारणवश उचित नही समझा और इस पूरे मामले की हकीकत सामने नही आ पाई ।
पर जिस तरह मीडियाकर्मियों के सामने कर्मचारी भागते दिखे उसके कारण सरकारी गाड़ी में शराब की पेटिया एक रहस्य बना हुआ है । और सवाल खड़े हो रहे है कि क्या सरकारी गाड़ी में शराब का परिवहन इतनी तादात में किया जा सकता है ?
आखिर किसके कहने में शराब मंगवाई है और इसे कहा खपाया जा रहा है .?
आखिर आबकारी कर्मचारी मीडिया को देखकर भागने क्यो लगे ..?
इन सब सवालो के बाद लगने लगा है कि दाल में कुछ काला है ?
अब तक सरकारी गाड़ी में शराब की पेटियों की मौजूदगी की गुत्थी अनसुलझी हुई है । अब देखना होगा कि खबर देखने के बाद विभाग के अधिकारी की कब प्रतिक्रिया सामने आती है और कब सरकारों गाड़ी में शराब का राज उजागर होता है । और यदि यह नियम के विरुद्ध है तो दोषियों के खिलाफ कानून क्या कार्यवाही करता है .!
क्योकि शराब के मुददे ओर सरकार और विपक्ष एक दूसरे पर हमलावर है और ऐसे में सरकारी गाड़ी में शराब की पेटिया मिलती तो वाकई यह गभीर बात है ।