बिलासपुर।बिलासपुर चकरभाटा थाना क्षेत्र में दो बच्चियों के साथ उसके ही पिता के द्वारा दुष्कर्म करने का आरोप लगा है मामले पर एफ आई आर दर्ज नहीं होने पर जीएसएस व संघ की विधिक सलाहकार प्रियंका ने पुलिस के कार्य प्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं।
दरअसल जी एस एस संघ ने इन्दू चौक स्थित काम्प्लेक्स में प्रेस कांफ्रेंस किया और बताया की बिलासपुर के चकरभाठा क्षेत्र के एक गाँव में एक परिवार में छोटी बच्चियों के साथ,स्वयं उनके पिता द्वारा यौन शोषण का मामला 30/09/2022 सामने आया। जिसमे बाल कल्याण समिति, बिलासपुर द्वारा उन बच्चियों को रेसक्यू किया गया।जानकारी के मुताबिक रेस्क्यू करने में टीम को काफी दिक्कत भी आई. रेस्क्यू होने के बाद बच्चियों ने CWC (बाल कल्याण समिति) को बयान भी दिया और उसके हिसाब से बच्चों ने बयान में सभी बाते बताई, इसके बाद भी बिलासपुर की चकरभाठा थाना की पुलिस ने आज तक कोई FIR नहीं किया,इस घटना को सामने आए लगभग 10 दिन से ऊपर होने जा रहा है, लेकिन अब तक FIR दर्ज नहीं किया जा सका है, जबकि नियम के हिसाब से यदि मामला सामने आया है, तो सबसे पहले FIR दर्ज की जानी थी, और उसके साथ साथ अविलंब मेडिकल जाँच भी होनी थी, लेकिन अब तक मामले को दबाने के अलावा न्याय की दिशा में कोई काम नही किया गया है।
जानकारी के मुताबिक इस पूरे मामले को सामने लाने वाली आंगनबाड़ी कार्यकर्ता प्रियंका सिंह को डराया जा रहा है, जबकि इन्हें सराहना मिलनी चाहिए थी, पुलिस को सुनिश्चित करना था कि डरने की जरूरत नहीं है लेकिन इसमें पुलिस प्रशासन की भूमिका सही नही है, अब जब पूरा मामला सामने आया है, तो खानापूर्ति कर मामले को रफा दफा करने का प्रयास चल रहा है।
सक्षम अधिकारियों को (CWC, पुलिस, महिला एवं बाल विकास विभाग) उक्त मामले में संज्ञान में लेकर, अविलंब FIR दर्ज करवाने, आरोपी पिता को हिरासत में लिया जाने व गाँव मे आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को धमकी देने वालो पर कार्यवाही करवाने व उन्हें भी हिरासत में लेने का और बच्चियों के बेहतर भविष्य के लिए उसकी समस्त जिम्मेदारी सरकार अच्छे से वहन करने की दिशा में कार्य करना था। लेकिन अभी तक इस गम्भीर व संवेदनशील मामले को गंभीरतापूर्वक नहीं लिया जा रहा है।
विधिक सलाहकार प्रियंका शुक्ला के अनुसार 11/10/2022 को संगठन के साथ जीएसएस की एक टीम चकरभाठा के उस गाँव के गयी और वहां जाकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता।सहित आस पास के लोगो से भी मामले की सत्यता का पता लगाने का प्रयास किया।तो मामले में बच्ची ने बयान दिया यह पाया गया। इस संबंध में टीम की प्रियंका द्वारा CWC के एक सदस्य से भी बात की गई थी, उनके द्वारा भी बताया गया कि बच्चियों ने बयान दिया है।इसके बाद भी पुलिस के अधिकारी मामले को गंभीरता से नही लिया जा रहा है. इसके अलावा गाँव के कुछ लोग आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को डराने धमकी देने गए थे।उन पर भी आज तक कोई कार्यवाही नहीं की गई।और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को आज तक कोई सुरक्षा नही दी गयी है। वही विधिक सलाहकार ने कहा हम सबको याद होगा कि ऐसा कुछ भवरी देवी के साथ कई साल पहले राजस्थान में घटा था, जिसके बाद विशाखा गाइडलाइन बनाई गई थी, क्या शासन आज उसी घटना का इंतजार कर रहा है? आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को तो सराहना चाहिए था। वही इस पुरे मामले को लेकर जीएसएस ने मिडिया के माध्यम से सरकार को कहा की आने वाले 2 दिन के भीतर समस्त कानूनी कार्यवाही की जाये साथ ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को सुरक्षा मुहैया करवाई जावे, अन्यथा सड़क पर उतने को मजबूर होंगे।