कोचिंग सेंटर हुआ स्कूल के रूप में तब्दील
नियमों को दरकिनार कर किया जा रहा स्कूल का संचालन
बीईओ ने कहा, जांच कर उच्च स्तर पर कार्यवाही की जावेगी
बिलासपुर।बिलासपुर की धार्मिक नगरी रतनपुर नगर के अधिकांश निजी स्कूलों का संचालन शिक्षा अधिनियम के नियमों को दरकिनार कर ज्यादा से ज्यादा लाभ कमाने में लगे हुए हैं, व्यावसायिक उद्देश्य से खोले गए इन स्कूलों में न तो क्लास रूम के मापदंडों का ख्याल रखा जा रहा हैऔर न ही प्रशिक्षित शिक्षक की नियुक्ति करते हैं ऐसे में बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।
इन्ही में से एक रतनपुर के वार्ड क्रमांक 04 में राइस मिल व लकड़ी आरा मिल से लगा हुआ ड्रीम एकेडमी पब्लिक स्कूल एक ऐसा स्कूल है, प्रारंभ में जिनका स्वरूप कोचिंग सेंटर के रूप में था , किन्तु अब वह एक प्राइवेट स्कूल के रूप में तब्दील हो गया है, जहाँ सुबह 8:00 बजे से लेकर दोपहर 1:00 बजे तक नर्सरी से लेकर कक्षा 8 वीं तक की कक्षाएं संचालित की जाती है , जबकि स्कूल के बाहर बोर्ड पर नर्सरी से लेकर 12वीं तक की कक्षाएं संचालित होती है लिखा हुआ है उसके बाद इसी संस्था में छुट्टी के बाद दोपहर से स्कूल संचालक द्वारा उन्ही बच्चों का अलग से कोचिंग क्लास लिया जाता है
इस तरह संचालक द्वारा ज्यादा से ज्यादा लाभ कमाने के चक्कर मे राज्य शिक्षा अधिनियमो को दरकिनार कर इस स्कूल का संचालन किया जा रहा है। इसके अलावा इस स्कूल से लगा हुआ आरा मिल व राइस मिल है जिसके डस्ट से बच्चों के स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव तो पड़ ही रहा है, दूसरी ओर लोहे की एंगल से बनी हुई खतरनाक सीढ़ी से छोटे छोटे बच्चे चढ़कर क्लास रूम पहुंचते हैं, जिससे कभी भी कोई बड़े हादसे से इनकार नही किया जा सकता, ज्ञात हो कि अध्ययन के लिए कमरों का आकार आर.टी.ई के मापदंडों के अनुरूप भी नही है, न ही इस संस्था में बच्चों के लिए खेल का मैदान है, इस तरह शिक्षा अधिनियमो के विरुद्ध, मोटी फीस लेकर व्यावसायिक उद्देश्य से ज्यादा लाभ कमाने के लिए खोले गए इस संस्था में स्कूल संचालक द्वारा स्वयं ही अपना नियम बना रखा है, और शिक्षा विभाग को चुनौती देते हुए ऐसे संस्था का संचालन किया जा रहा है।
इस संबंध में हमारे द्वारा जब विकास खंड शिक्षाधिकारी विजय डांडे, बी ओ कोटा , से इस स्कूल के सम्बंध में जानकारी चाही गई तब उन्होंने कहा कि उक्त स्कूल से सम्बंध में जो शिकायत प्राप्त हुई है, यह जांच का विषय है,जिसकी उच्च स्तर पर जांच की जाएगी,तथा उच्चाधिकारियों को पत्र लिखकर अवगत कराया जाएगा, और आगे की कार्यवाही की जावेगी।