हरेली तिहार के अवसर पर गेड़ी चढ़ने और गेड़ी दौड़ लगाने की परम्परा रही है। सामान्यतः ये दौड़ बालकों और पुरुषों द्वारा ही लगाई जाती रही है,लेकिन अब छत्तीसगढ़ बदल रहा है। इस नए गढ़ते छत्तीसगढ़ में हरेली के उत्साह में जब मूक बधिर बेटियां गेड़ी पर दौड़ लगाती हैं, तो लगता है, ये हौसला कम न हो….।
ये बेटियां धमतरी के शासकीय श्रवण बधितार्थ बालिका विद्यालय की हैं,जिन्होंने अपने आत्मविश्वास और हौसलों की उड़ान भरी है। छत्तीसगढ़ सरकार ने हरेली पर विभिन्न पारंपरिक खेलों का आयोजन कर उनमें लैंगिक भेद-भाव के परे आत्मविश्वास का नया रंग भरा है। सच कहें तो आगे बढ़ती ये बेटियां छत्तीसगढ़ के सशक्त कल की तस्वीर पेश करती हैं।