

डेस्क खबर बिलासपुर ./ प्रदेश की न्यायधानी बिलासपुर के सबसे बड़े मेडिकल कॉलेज सिम्स से इंसानियत को शर्मशार करने का मामला सामने आया है , जहां मेडिकल कालेज में पोस्टमार्टम के नाम पर खुलेआम पैसों की वसूली की जा रही है। सफाईकर्मी और पुलिसकर्मी परिजनों से शव सौंपने के बदले रुपये मांगते नजर आए। इस अमानवीय वसूली का वीडियो वायरल होते ही पूरे शहर में हड़कंप मच गया है। बताया जा रहा है कि एक युवक अपने पिता की लाश घर ले जाने के लिए सिम्स चौकी प्रभारी के सामने गिड़गिड़ाता रहा, लेकिन चौकी प्रभारी रुपए लिए बिना शव देने को तैयार नहीं था। मजबूर बेटे ने गांव के लोगों से उधार मांगकर पैसे दिए, तब जाकर उसे पिता का शव मिला। इस दौरान इस घटना का किसी ने वीडियो भी बना लिया जो अब जमकर वायरल हो रहा है ।
यह पूरा घटनाक्रम सिम्स प्रबंधन और पुलिस की मौजूदगी में हुआ, लेकिन किसी ने इसे रोकने की कोशिश नहीं की। मीडिया में मामला सामने आते ही जल्दबाजी में शव परिजनों को सौंप दिया गया। घटना ने पूरे सिस्टम की संवेदनहीनता को उजागर कर दिया है।

अब सवाल यह है — क्या सरकारी अस्पतालों में लाशों की भी कीमत तय हो गई है? क्या खाकी की आड़ में रिश्वतखोरी और अमानवीयता का यह खेल यूं ही चलता रहेगा? क्या सिम्स प्रशासन इस पर कठोर कार्रवाई करेगा या फिर मामले को दबा दिया जाएगा? यह घटना सिर्फ एक परिवार की नहीं, बल्कि उस पूरे तंत्र की सच्चाई है जहां “सेवा” के नाम पर “वसूली” और “संवेदना” के नाम पर “क्रूरता” बेखौफ नाच रही है। हालांकि सिम्स प्रबंधन और पुलिस के उच्च अधिकारियों ने इस अमानवीय घटना की जांच के निर्देश जारी कर दिए है लेकिन इस घटना ने जाहिर कर दिया है कि लाशों के नाम पर पैसा वसूली का यह सिस्टम पुलिस और सिम्स प्रबंधन की मिलीभगत से बेखौफ जारी है ।
