कव्वाली की जगह दरगाह में हनुमान चालीसा ,सुंदरकांड का हुआ पाठ.। आतंकी हमले मे हिन्दूओ की मौत के बाद हुआ हृदय परिवर्तन, हिंदू धर्म मे की वापसी.. शाहबुद्दीन बना श्यामलाल…!!

डेस्क खबर../ इंदौर के कुलकर्णी नगर निवासी श्यामलाल निनोरी, क्षेत्र की ऑयल मिल की जमीन पर बनी सैयद निजामुद्दीन दरगाह की देखरेख पिछले 40 वर्षों से कर रहे थे। इस दौरान क्षेत्रीय लोगों ने उन्हें मुस्लिम मान लिया और उनका नाम बदलकर ‘शाहबुद्दीन’ रख दिया गया, जिसे उन्होंने भी स्वीकार कर लिया ।कुलकर्णी नगर के निवासी श्यामलाल निनोरी, जो बीते 40 वर्षों से मुस्लिम परंपरा के अनुसार दरगाह की सेवा कर रहे थे, उन्होंने हाल ही में अपने जीवन में बड़ा बदलाव किया है। दरगाह सैयद निजामुद्दीन की देखरेख करते हुए लोग उन्हें शाहबउद्दीन नाम से जानते थे, और उन्होंने भी खुद को इसी नाम से स्वीकार लिया था।
हाल ही में पहलगाम हादसे में मारे गए हिंदू तीर्थयात्रियों की मृत्यु से श्यामलाल भावुक हो उठे। इस घटना ने उन्हें भीतर से झकझोर दिया और उन्होंने ‘घर वापसी’ का निर्णय लिया। क्षेत्रीय पार्षद जीतू यादव की प्रेरणा से उन्होंने दोबारा हिंदू धर्म अपनाया। धर्म परिवर्तन के प्रतीक स्वरूप उन्होंने दरगाह परिसर में कव्वाली की जगह सुंदरकांड का पाठ आयोजित किया।

इस कार्यक्रम में श्यामलाल ने मृतकों को श्रद्धांजलि दी और सनातन परंपरा में अपनी आस्था व्यक्त की। कार्यक्रम के दौरान पार्षद जीतू यादव सहित बड़ी संख्या में स्थानीय लोग मौजूद रहे। श्यामलाल का यह कदम क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है, जहां धर्म और मान्यता के बीच एक नई कहानी ने जन्म लिया है। इंदौर की यह कहानी बताती है की धर्म सिर्फ पहचान नही है बल्कि आत्मा की पुकार है और जब आत्मा की अंदर से आवाज आवाज आती है तो खुद ब खुद रास्ते मिल जाते है।
