

रायगढ़ की रिपोर्ट
डेस्क खबर रायगढ़: गंगा स्मार्ट हॉस्पिटल में नसबंदी के बावजूद एक महिला के गर्भवती हो जाने का गंभीर मामला सामने आया है। आरोप है की आयुष्मान कार्ड से इलाज के बाद भी अस्पताल प्रबंधन दुबारा आपरेशन करने के एवज मे 15 हाजर रु की मांग कर रहा है। पीड़िता के पति मनोज रौतिया ने इस लापरवाही के खिलाफ सीएचएमओ कार्यालय के सामने धरना प्रदर्शन किया और अस्पताल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए। पीड़िता के पति मनोज रौतिया, निवासी कुधरी ,अड़भार, जिला सक्ती, का आरोप है की उनकी पत्नी पदमिनी रौतिया की नशबंदी 9 फरवरी 2023 को गंगा स्मार्ट हॉस्पिटल रायगढ़ में आयुष्मान योजना के तहत करवाई गई थी। प्रक्रिया के दो दिन बाद, 11 फरवरी को महिला को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी। हाल ही में जब पदमिनी का मासिक चक्र रुका, तो उन्होंने प्रेग्नेंसी टेस्ट कराया, जो पॉजिटिव निकला।

13 अप्रैल 2025 को जब वे दोबारा गंगा नर्सिंग होम पहुंचे, तो सोनोग्राफी के बाद गर्भ की पुष्टि हुई और डॉक्टरों ने गर्भपात कर दोबारा नशबंदी की। मनोज का आरोप है कि इस प्रक्रिया के लिए डॉक्टरों ने 15,000 रुपये की मांग की, जबकि पहले यह इलाज आयुष्मान कार्ड के तहत निःशुल्क हुआ था। उन्होंने अस्पताल द्वारा आयुष्मान योजना में किए गए खर्च की भी जांच की मांग की है।
इस घटना से आहत परिजनों ने सीएचएमओ कार्यालय के सामने धरना शुरू किया। कुछ देर बाद एक अधिकारी ने कॉल कर पीड़ित परिवार को तत्काल कार्रवाई का आश्वासन दिया, जिसके बाद धरना समाप्त किया गया।
पीड़ित की मांग:
“हम सिर्फ न्याय चाहते हैं। अगर पहले ही सही इलाज होता, तो दोबारा ऑपरेशन की जरूरत नहीं पड़ती।”
अधिकारियों का बयान: “
मामले की जांच की जाएगी और अगर लापरवाही पाई गई तो संबंधितों पर सख्त कार्रवाई होगी।”

