डेस्क खबरबिलासपुर

पार्ट 1 , राशन दुकान घोटला – गरीबो के निवाले पर डाका डाल रहे दुकानदार, राशन के बदले दिया जा रहा है नगदी रुपैया,  बीजेपी कार्यकर्ता कर रहा खुलेआम राशन की हेराफेरी, सिंडिकेट के रूप मे जिले मे चल रहा सरकारी राशन का अवैध व्यापार..!


डेस्क खबर बिलासपुर… छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले मे खुलेआम गरीबो के निवाले पर डाका डाला जा रहा है, खाद्य विभाग की लापरवाही और संरक्षण में सरकारी राशन में जमकर खुलेआम हेरा फेरी की जारी है गरीबों को दिए जाने वाले राशन के बदले दुकानदार हितग्राहियो को नगद पैसा देते हुथा पुरा नजारा कैमरे में कैद हो गया है। इस मामले में दुकानदार ने  खुद को भाजपा का कार्यकर्ता बता कर किसी और बात के बदले हितग्राही को पैसा देने की बात कबूली! हालाँकि मामले मे कैमरे के सामने बात करने से इंकार करते हुए अपने अध्यक्ष से बात करवा कर मामले को दबाने की भी कोशिस की।


नाम ना छापने की शर्त मे सूत्रों के हवाले से पुख्ता वीडियो के साथ  सामने आया  मामला बिलासपुर के तालपारा वार्ड क्रमांक 25 मे संचालित  अन्नपूर्णा प्राथमिक सहकारी उपभोक्ता भंडार का है , जहाँ गरीबो को दिये जाने वाले राशन के एवज मे नगद रूप का भुगतान किया जा रहा है  खुद को बीजेपी कार्यकर्ता बताने वाले दुकानदार गोविंद नायडू ने भी वीडियो की सत्यता की पुष्टि करते हुए राशन के बदले पैसा देने से साफ इंकार किया है।

वही सूत्र का दावा है की खाद्य विभाग के संरक्षण मे सरकारी राशन दुकानों मे जमकर हेराफेरी और काला बाजारी की जा रही है । मिली जानकारी के अनुसार राशन मे चावल की हेराफेरी के लिए सिडिकेट का सिस्टम काम कर रहा है , राशन दुकानो से लेकर खुलेबजार मे चावल का अवैध व्यापार किया जा रहा है जो बड़े दुकानों और गोदामो से होकर राइस मिलो मे जाकर समाप्त होता है। अब देखना होगा की इस मामले मे जिम्मेदार विभाग के अधिकारी कितनी गंभीरता से इस मामले की जाँच करते है।
अगले अंक मे दूसरा खुलासा

छत्तीसगढ़ शासन द्वारा प्रदेश में गरीबी रेखा से नीचे गुजर बसर करने वाले लोगो को मुफ्त में चावल और सस्ती दर पर खाद्यान्न उपलब्ध कराने का किया जा रहा है लेकिन दुकानदारों द्वारा जनता के चावल पर निशाना साधकर उसकी अफरा तफरी की जा रही है, बिलासपुर जिले समेत प्रदेशभर में इन दिनों शासकीय उचित मूल्य दुकान का भौतिक सत्यापन का कार्य किया जा रहा है, जिसके तहत दुकानों के लिखा जोखा की जांच अधिकारियों द्वारा मौके पर पहुंचकर की जा रही है, एक माह पूर्व ही इन दुकानदारों को भौतिक सत्यापन की जानकारी दे दी गई थी, जिसके बाद संचालकों द्वारा स्टॉक रिकॉर्ड को दुरुस्त करने का काम किया जा रहा है, लेकिन इस दौरान शहर के कई राशन दुकान संचालक इस बात का भरपूर फायदा उठा रहे है.. जांच के नाम पर खाद्यान्न सामग्री बांटना छोड़कर उसका पैसा दिया जा रहा है

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