डेस्क खबर : प्रदेश के दुर्ग जिला अस्पताल के मैटरनिटी वार्ड से गंभीर लापरवाही सामने आई है, जहां अस्पताल के स्टाफ की गलती के कारण दो नवजात शिशु आपस में बदल गए। इस लापरवाही का खुलासा डिलीवरी के आठ दिन बाद तब हुआ जब शबाना कुरैशी को संदेह हुआ और उन्होंने नवजात के जन्म के समय की तस्वीरें जांची। जांच में स्पष्ट हुआ कि अस्पताल में नवजातों की अदला-बदली हुई थी। इसके बाद शबाना और उनके परिवार ने प्रमाणों के साथ उस महिला, साधना सिंह, से संपर्क किया, जिसके पास उनका असली बच्चा था। अस्पताल प्रबंधन ने दोनों परिवारों के बीच काउंसलिंग कराई, लेकिन मामला और उलझ गया जब साधना सिंह ने बच्चा लौटाने से इनकार कर दिया। उनका कहना है कि 10 दिनों में बच्चे से उनका गहरा भावनात्मक लगाव हो गया है, इसलिए वे किसी भी कीमत पर उसे वापस नहीं करेंगी।
वहीं, कुरैशी परिवार अपने असली बच्चे को वापस पाने के लिए अड़ा हुआ है और अस्पताल प्रशासन की इस लापरवाही पर नाराजगी जता रहा है और अपने बच्चे को वापिस लेने की जिद मे अड़ा हुआ है तो दूसरी ओर हिंदू माँ को बच्चे से लगाव और प्यार हो गया है। और अब वह किसी भी कीमत पर मुस्लिम परिवार के 10 दिन के बच्चे को ना लौटने की जिद पर अड़ गई है।
मामला अब अस्पताल प्रशासन और जिला अधिकारियों के संज्ञान में है, लेकिन समाधान निकालना चुनौतीपूर्ण होता जा रहा है।
इस घटना ने अस्पताल प्रबंधन की गंभीर लापरवाही को उजागर कर दिया है और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के दावों पर सवाल खड़े कर दिये है। मुस्लिम परिवार न्याय की मांग कर रहे हैं, लेकिन यह देखना बाकी है कि प्रशासन इस विवाद को कैसे सुलझाता है। और कब बच्चे को असली मा की गोद नसीब होती है।