डेस्क खबर छत्तीसगढ़ . / लगातार बढ़ रही महंगाई के बीच एक निर्णय से सरकार ने जनता और किसान की चिंता बढ़ाने का काम किया है जिसका असर कुछ महीनों बाद देखने को निश्चित रूप से मिलने वाला है । रबी सीजन की शुरुआत से पहले छत्तीसगढ़ राज्य बीज निगम और कृषि विकास निगम लिमिटेड ने किसानों को बड़ा झटका दिया है। रबी फसलों के प्रमुख बीज, जैसे गेहूं, चना, और अलसी की कीमतों में भारी वृद्धि की गई है, जिससे किसानों को इस बार पिछले साल की अपेक्षा अधिक दाम चुकाने पड़ेंगे। बीज की नई दरों के अनुसार, कुछ किस्मों की कीमत में प्रति क्विंटल 2 से 3 हजार रुपये तक की बढ़ोतरी हुई है, जिससे खेती की लागत में बढ़ोतरी हो गई है। जिसका खामियाजा आम जनता को भी भुगतना पड़ेगा ।
कई बीजों की कीमतों में 3000 रुपये तक की वृद्धि
रबी सीजन 2024-25 के लिए घोषित बीज की नई दरों में भारी इजाफा हुआ है। अलसी बीज की कीमत में सबसे अधिक 3265 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि हुई है, जिससे इसकी कीमत अब 9765 रुपये प्रति क्विंटल हो गई है, जो पिछले साल 6500 रुपये थी। कुसुम बीज की कीमत भी बढ़ाकर 7760 रुपये प्रति क्विंटल कर दी गई है, जो पिछले वर्ष 5284 रुपये थी। मूंगफली की कीमत 8500 रुपये से बढ़ाकर 10795 रुपये कर दी गई है, जबकि उड़द बीज की कीमत 10250 रुपये से बढ़कर 12500 रुपये प्रति क्विंटल हो गई है।
गेहूं और चने के बीज में भी बढ़ोतरी
गेहूं और चना, जो रबी सीजन की प्रमुख फसलें हैं, के बीज की कीमतों में भी वृद्धि की गई है। चना बीज की कीमत में 665 से 1085 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि की गई है। पिछले साल चना बीज की कीमत 8000 रुपये प्रति क्विंटल थी, जो अब 8665 से 9085 रुपये हो गई है। मटर की कीमत में 650 रुपये की वृद्धि हुई है, जिससे यह अब 9550 रुपये प्रति क्विंटल हो गई है। मसूर की कीमत में 900 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि कर इसे 10000 से बढ़ाकर 10900 रुपये कर दिया गया है।
बेहतर उत्पादन के अनुमान पर जोर
राज्य बीज निगम ने किसानों को 10 वर्ष से कम अवधि के बीजों को अपनाने पर जोर दिया है। इन बीजों को बेहतर उत्पादन, कीटों और रोगों के प्रति सहनशीलता जैसी विशेषताओं के कारण बढ़ावा दिया जा रहा है। इनकी कीमतें 10 वर्ष से पुराने बीजों की तुलना में कम रखी गई हैं, ताकि किसान उच्च गुणवत्ता वाले बीजों का अधिक उपयोग करें।
किसानों की परेशानी
कीमतों में इस बढ़ोतरी से किसान काफी परेशान हैं। महंगी बीजों की वजह से किसानों को रबी फसलों की बुवाई के लिए अधिक लागत का सामना करना पड़ेगा। बीज निगम के प्रक्रिया प्रभारी का कहना है कि बीजों का भंडारण शुरू हो चुका है, लेकिन किसानों का कहना है कि इस तरह की बढ़ोतरी उनके आर्थिक बोझ को और बढ़ाएगी। कुल मिलाकर यह बात सही है कि आम बढ़ती महंगाई के बीच अब जनता को पेट भरने के लिए और कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा ।