डेस्क खबर बिलासपुर ../ प्रदेश की न्यायधानी बिलासपुर में लगातार बिगड़ती कानून व्यस्था के बाद भी पुलिस प्रशासन और आबकारी विभाग मूकदर्शक बना हुआ है । सरकारी संरक्षण में मध्यस्थल पुराने बस स्टैंड में स्थित सरकारी शराब दुकान के पास ही अवैध चखना दुकान का खुलेआम संचालन किया जा रहा है अवैध स्थलों पर शराब पीने वाले के खिलाफ मुहिम चलाने वाला पुलिस विभाग और आबकारी विभाग जिला अस्पताल के पास मौजूद इस शराबखोरी और अवैध चखना सेंटर में अंकुश लगाने में अक्षम साबित होता दिख रहा है । आसपास के लोगों का कहना है कि यह शराबियों और बदमाशों का जमावड़ा लगा रहता है जिसके कारण इस इलाके में बड़ी अनहोनी की आशंका बनी रहती है वीडियो बनाने वाले ने नाम न छापने की शर्त में बताया कि अधिकांश शराब का सेवन करने वाले लोगों के पास हथियार भी रहता है और अक्सर आए दिन आपस में इनका जमकर विवाद भी होता रहता है लेकिन उसके बाद किसके संरक्षण में यह अवैध चखना दुकान चल रही है इसकी भी जांच होना चाहिए । शहर के मध्य स्थल से सामने आए वीडियो में दिख रहा है कि किस प्रकार यहां किस प्रकार शराबियों का आतंक रहता है ऐसे में सवाल खड़ा हो रहा है कि तमाम जानकारी होने के बाद भी कार्यवाही क्यों नहीं हो रही है ..? क्या पुलिस विभाग और आबकारी विभाग किसी बड़ी अनहोनी होने का इंतजार कर रहा है ..?पिछले कुछ दिनों से पुराना बस स्टैंड असामाजिक गतिविधियों का केंद्र बनता जा रहा है, जहाँ हत्या, लूट, और मारपीट जैसी घटनाएँ आम होती जा रही हैं। इन घटनाओं की मुख्य वजह वहाँ की शराब दुकानों के पास चलने वाले ग़ैरक़ानूनी चखना सेंटर हैं, जो देर रात तक खुले रहते हैं और बेख़ौफ़ होकर शराब परोसते हैं। शराब का सेवन सिर्फ़ दुकानों में ही नहीं, बल्कि लोग सड़क पर भी शराब पीते हुए देखे जा सकते हैं। मिली जानकारी के अनुसार चखना दुकान विकास एंथोनी और उसके गुर्गे संचालित करते है और विरोध करने पर मारपीट पर उतारू हो जाते है ।
नोट – वीडियो में अश्लील भाषा का इस्तेमाल किया गया है ।
शहर के मध्यस्थल में हो रही इस अवैध गतिविधि की जानकारी आबकारी और पुलिस प्रशासन को होने के बावजूद अब तक किसी भी प्रकार की सख़्त कार्रवाई नहीं हुई है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इन दुकानों की संख्या और इनके खुलने का समय लगातार बढ़ता जा रहा है, जिससे असामाजिक तत्वों का जमावड़ा भी पुराना बस स्टैंड पर बढ़ रहा है।
नोट – वीडियो में अश्लील भाषा का इस्तेमाल किया गया है ।
चौंकाने वाली बात यह है कि यह अवैध गतिविधियाँ जिला अस्पताल और चौक में खड़ी पुलिस टीम और पेट्रोलिंग गाड़ी से चंद कदम दूरी पर चल रही हैं, फिर भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही। इससे यह सवाल उठता है कि इन अवैध चखना सेंटरों को किसका संरक्षण मिला हुआ है? प्रशासन की अनदेखी से यह आशंका बढ़ रही है कि शायद कोई और बड़ी अप्रिय घटना का इंतज़ार किया जा रहा है।