CG Board Exam:– स्वयंसेवी शिक्षक बन 10 निरक्षरों को साक्षर बनाने पर 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा के विद्यार्थियों को बोर्ड परीक्षा में 10 अंक बोनस के रूप में प्रदान किए जाएंगे।
रायपुर। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 द्वारा अनुशंसित उल्लास नवभारत साक्षरता कार्यक्रम के तहत निरक्षरों को को साक्षर बनाने पर 10वीं और 12वीं बोर्ड के विद्यार्थियों को परीक्षा में 10 अंक बोनस दिए जाएंगे। छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा विभाग ने इसके निर्देश जारी कर दिए हैं। स्वयंसेवी शिक्षक बनने पर किसी तरह का मानदेय ना देकर 10वीं 12वीं बोर्ड परीक्षा के परीक्षार्थियों को 10 अंक बोनस दिए जाएंगे। इसके लिए कम से कम 10 निरक्षर को साक्षर बनाना होगा।
15 वर्ष से अधिक उम्र के निरक्षरों को साक्षर बनाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा अभियान चलाया जा रहा है। उल्लास साक्षरता कार्यक्रम नीति आयोग के सभी आकांक्षी एवं वामपंथी उग्रवाद प्रभावित तथा राष्ट्रीय राज्य और सबसे कम साक्षरता दर वाले जिले को प्राथमिकता में इसमें प्रदान की जाती है। पूर्व में प्रौढ़ शिक्षा के नाम से साक्षरता अभियान चलाया जाता था। जिसे केंद्र सरकार ने सबके लिए शिक्षा नाम दे दिया है। यह स्वयंसेवी आधारित है। इसमें मानदेय नहीं दिया जाना है। राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण की सामान्य समिति के अध्यक्ष मुख्यमंत्री हैं। जिला साक्षरता मिशन प्राधिकरण की कार्यकारिणी के अध्यक्ष जिले के कलेक्टर हैं। कार्यक्रम शहरी क्षेत्र में नगरीय निकाय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायती राज संस्थाओं के माध्यम से क्रियान्वयन किया जाना है। शिक्षार्थियों का बुनियादी साक्षरता एवं संख्यात्मक ज्ञान आकलन परीक्षा NIOS द्वारा देशव्यापी परीक्षा वर्ष में दो बार सितंबर व मार्च में आयोजित किया जाता है।
कौन होंगे स्वयंसेवी शिक्षक:–
स्वयंसेवी शिक्षक के रूप में कॉलेज, स्कूल, युवा, महिला, बीएड,डीएड के विद्यार्थी एवं अन्य स्वयंसेवी शिक्षक कार्य कर सकते हैं। 10वीं और 12वीं के जो विद्यार्थी 10 निरीक्षरो को साक्षर बनाएंगे उन्हें बोर्ड परीक्षा में 10 नंबर बोनस दिए जाएंगे। स्कूल के प्राचार्यों के माध्यम से स्वयंसेवी शिक्षक के रूप में कार्य करने वाले विद्यार्थियों को जानकारी देनी होगी।
उल्लास कार्यक्रम के तहत हैं पांच मुख्य घटक:–
बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान प्रधान कराकर नवसाक्षर बनाना।
वित्तीय साक्षरता कानूनी साक्षरता डिजिटल साक्षरता पर्यावरण साक्षरता मतदान साक्षरता आपदा प्रबंधन वाणिज्य कौशल स्वास्थ्य जागरूकता परिवार कल्याण आदि जानकारी देना।
नवसाक्षरों को रोजगार प्रदान करने व्यावसायिक कौशल विकास प्रशिक्षण।
समतुल्यता कार्यक्रम अंतर्गत प्रारंभिक स्तर कक्षा 3 से 5, मध्य स्तर कक्षा 6 से 8, और माध्यमिक स्तर कक्षा 9 से 12वीं की समतुल्यता प्रदान करना।
शिक्षार्थियों को कला,विज्ञान, प्रौद्योगिकी,संस्कृति,खेल, मनोरंजन एवं स्थानीय रुचि के अनुसार अन्य विषय में उन्नत सामग्री प्रदान करना है।
प्रदेश में 10 लाख को साक्षर बनाने का लक्ष्य:–
उल्लास कार्यक्रम के तहत प्रदेश के सभी निरक्षरों को 2030 तक साक्षर बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इस वर्ष प्रदेशभर के 10 लाख निरक्षरों को साक्षर बनाने का लक्ष्य है, इसमें 15 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के निरक्षरों को शामिल किया गया है। साक्षर बनाने के लिए एक लाख स्वयंसेवी शिक्षक बनाने का भी लक्ष्य है। सभी शिक्षार्थियों का बुनियादी साक्षरता एवं संख्यात्मक ज्ञान आंकलन परीक्षा द्वारा देशव्यापी परीक्षा वर्ष में दो बार सितंबर और मार्च में आयोजित की जाएगी।