बिलासपुर

जिले की आबादी लाखों में, उद्योग विभाग से सिर्फ 30 युवकों को लाभ राज्य व केंद्र सरकार ने युवाओं को उद्यम स्थापित करने बनाई है योजनाएं, नाम मात्र को मिल रहा लाभ…

बिलासपुर../ केंद्र व राज्य सरकार शिक्षित बेरोजगार युवाओं को आत्म निर्भर बनाने व स्वरोजगार शुरू करने कई योजनाए चला रही हैं ..साथ ही ऐसे युवाओं को ऋण लेकर छोटे-बड़े उद्यम स्थापित करने प्रेरित करती हैं। लेकिन धरातल स्थल पर योजनाओं की स्थिति बेहद खराब है। बिलासपुर जिले की आबादी लाखों में है, मगर उद्योग विभाग में संचालित कई योजनाओं का लाभ मात्र 30-35 युवाओं को ही मिल पाया है। ज्यादातर युवाओं का आवेदन करने के बाद भी ऋण नहीं मिला है। कई युवा विभाग व बैंकों के चक्कर लगा रहे हैं।
जिले में बेरोजगार युवाओं और युवतियों को रोजगार के साथ स्वयं आत्मनिर्भर बनाने सरकारी योजनाओं के तहत बैंकों से ऋण उपलब्ध कराने शासन द्वारा नाम मात्र के लक्ष्य निर्धारित किया जा रहा है। इसके अलावा विभाग द्वारा लक्ष्य के अनुरूप आवेदनों को बैंक के पास भेजने पर बेरोजगारों को ऋण उपलब्ध नहीं करा पा रहे हैं। जिसके कारण सैकड़ों की तादाद में युवा बेरोजगार ऋण पाने विभाग और बैंकों के चक्कर काटने के विवश हैं। छत्तीसगढ़ शासन द्वारा मुख्यमंत्री युवा स्व रोजगार योजना, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम योजना, प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना संचालित हैं। लेकिन शासन से हर साल नाम मात्र के 30-35 युवाओं को ऋण देने विभाग को लक्ष्य दिया जाता है। इसके चलते लाखों की आबादी वाले जिले में 30-35 युवाओं के आवेदनों को स्वीकार किया जाता है। उसमें भी सभी आवेदकों को बैंक से ऋण नहीं मिल पाता है। बैंक प्रबंधक कई आवेदकों को अलग अलग कारणों से ऋण देने से मना कर देते हैं। जिसके चलते आवेदक निराश हैं …जिला उद्योग विभाग के अफसर प्राप्त आवेदनों को स्वीकृत करने में तेजी नहीं दिखा रहे हैं। मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना में 30 लक्ष्य है, जिसमें 164 आवेदन आए हैं। सिर्फ 21 आवेदनों का सेक्शन किया गया। बाकी आवेदन लंबित है। प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम योजना के लिए 34 लक्ष्य निर्धारित है, जिसमें 264 युवाओं ने आवेदन किया है। इसमें 30 आवेदकों को बैंक से राशि जारी कर दी गई है। प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत कितने आवेदन मिले हैं।

8वीं कक्षा उत्तीर्ण युवाओं को बनाया पात्र, मगर नहीं मिला फायदा

मुख्यमंत्री युवा स्व-रोजगार योजना व प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना कार्यक्रम योजना का लाभ लेने के लिए अधिकतम योग्यता आठवीं पास है। कम पढ़े-लिखे युवा भी योजना का फायदा उठा सकते हैं। मगर आवेदन करने पर विभाग से लेकर बैंकों के चक्कर लगाना पड़ता है। अंत में परेशान होकर प्रयास करना बंद कर देते हैं।

25 लाख रुपय तक ऋण मिलेगा

उद्योग एवं व्यापार करने के इच्छुक युवाओं को केंद्र और राज्य सरकार द्वारा 25 लाख रुपय तक का ऋण मिलेगा। केंद्र सरकार के प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम और छत्तीसगढ़ राज्य सरकार के मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के तहत ऋण दिया जाता है। युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए शासन द्वारा युवाओं को उनकी पात्रता और लागत के आधार पर लोन उपलब्ध कराया जाएगा। उद्योग विनिर्माण क्षेत्र में 10 लाख रुपय और सेवा क्षेत्र में 5 लाख रुपाय से अधिक की परियोजनाओं का लाभ उठा सकते हैं।

बैंक भेज दिया जाता है आवेदन !

केंद्र व राज्य की योजनाओं के तहत प्राप्त आवेदनों की जांच कर बैंकों के पास भेज दिया जाता है। बैंक प्रबंधक विचार करके ऋण प्रदान करते हैं। बैंक में जिनका रिकार्ड अच्छा होता है उनके आवेदनों पर प्राथमिकता से विचार करते हैं। विभाग से सभी आवेदकों का काम किया जाता है
एमएल कुशरे, मुख्यमहाप्रबंधक जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र बिलासपुर।

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