खबर पर लगी मुहर ! डिप्टी रेंजर गिरफ्तार ।
आदिवासी युवक से की थी क्रूरता !
वन विभाग में मचा हड़कंप ।
बिलासपुर डेस्क खबर / एक बार फिर डंका राम वेब पोर्टल की खबर पर मुहर लगी है । आदिवासी युवक से बर्बरता पूर्वक मारपीट करने मामले में लोरमी पुलिस ने विवादो से घिरे डिप्टी रेंजर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है । हालाकि इस मामले में अभी भी डिप्टी रेंजर के अलावा बाकि वन विभाग के कर्मचारियों पर कोई कार्यवाही नहीं हुई है । जबकि डिप्टी रेंजर ने वन विभाग के कर्मचारियों के साथ मिलकर आदिवासी युवक की बर्बरता पूर्वक पिटाई की थी।
गौरतलब है खुंडिया वन परिक्षेत्र में वन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की दंबगई की खबर लगातार सामने आती रहती है..अपनी वाहवाही और अपने कद को बढ़ाने के लिए वन विभाग पर भोले भाले ग्रामीणों और आदिवासियों को झूठे केस में फंसाने के आरोपों की शिकायतों की लंबी फेरहिस्त पड़ी हुई है।
ऐसे ही एक मामले में आदिवासी युवक के साथ क्रूरता के साथ मारपीट म एंव एंट्रो सिटी के मामले में फरार डिप्टी रेंजर प्रबल दुबे को गिरफ्तार कर लिया गया है । आदिवासी युवक से मारपीट मामले में डिप्टी रेंजर भी घायल हुआ था जिसका इलाज अस्पताल में चल रहा था । डिप्टी रेंजर के अस्पताल से डिस्चार्ज होते ही पुलिस ने हिरासत में लेकर जेल भेज दिया ।
फिर अपने साथीयों के साथ मिलकर मारपीट मामले में घायल अवस्था में लोरमी अस्पताल में चल रहा था इलाज अस्पताल से छुट्टी होते ही लोरमी पुलिस ने किया गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है ।
चौकीदार पद पर पदस्थ बहादुर राम 42 वर्ष पिता रतिराम कोलाम ने आजाद थाने में डिप्टी रेंजर प्रबल दुबे उम्र 54 वर्ष के खिलाफ जातिगत गाली गलौज कर मारपीट किए जाने की शिकायत दर्ज करवाई थी । मामले में नोटिस मिलने के बाद भी दबंग डिप्टी रेंजर ने कोई जवाब नही दिया था । प्रबल दुबे के इस क्षेत्र में पोस्टिंग के बाद से ही विवादों से गहरा नाता रहा है …इनके चलते खुंडिया वन परिक्षेत्र हमेशा सुर्खियों में रहा है …चाहे शिकार का मामला हो या अवैध कटाई का या फिर हाथी की मौत का इन सभी मामलों में वन विभाग सुर्खियों में रहा है …अपने वर्दी के रौब दिखाते हुए आये दिन बैंगा आदिवासी के साथ बदसलूकी मामले आते रहे हैं जंहा आदिवासी समाज के द्बरा कई बार आंदोलन किया गया था बेवजह परेशान करती है और खानापूर्ति के लिए उनके ऊपर अपराध पंजीकृत कर वाहवाही लूटती है। इसी के तहत डिप्टी रेंजर के खिलाफ ग्रामीणों ने उग्र आंदोलन किया था।