बिलासपुर। बिलासपुर प्रेस क्लब में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में संगोष्ठी व महिला पत्रकारों का सम्मान समारोह आयोजित किया गया। इस मौके पर महिला पत्रकारों ने भी आज पत्रकारिता और चुनौतियों पर अपनी बात रखी और अपने अनुभव साझा किए।
राघवेंद्र राव सभा भवन स्थित बिलासपुर प्रेस क्लब में गुरुवार को संगोष्ठी के दौरान मुख्य अतिथि डीपी विप्र कॉलेज की प्राचार्या डॉ अंजू शुक्ला ने कहा कि जिस प्रकार दर्पण हमें चेहरा दिखाता है, उसी तरह पत्रकारिता बताती है कि समाज में हमारी छवि कैसी है। उन्होंने कहा कि स्त्रियां तभी आगे बढ़ती है, जब पुरुष उनका सम्मान करता है। पुरुष चेतना है, तो स्त्री उसकी शक्ति है। जहां स्त्रियां नहीं होती, वहां परिवार बिखर जाता है।
कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ पत्रकार व प्रेस क्लब ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट एसोसिएशन की राष्ट्रीय महासचिव शशि दीप ने महिलाओं को आपस में तालमेल बनाकर चलने की बात कही। उन्होंने कहा कि कोई किसी से कम नहीं है। आज पुरुष प्रधान समाज जरूर है, लेकिन पुरुष वर्ग हमेशा हमारी सहायता के लिए खड़ा रहता है। विशिष्ट अतिथि प्रो. किरण दुबे ने बचपन के कठिन दौर को साझा किया। खास तौर पर कोरोना के दौर के भयावह त्रासदी को याद किया कि किस तरह वो खुद और उनका परिवार इस प्रभावित हुआ। उन्होंने कभी हिम्मत ना हारने कि बात कही।
कार्यक्रम का संचालन सहसचिव दिलीप जगवानी व आभार प्रदर्शन कोषाध्यक्ष प्रतीक वासनिक ने किया। इस मौके पर अध्यक्ष इरशाद अली, समेत कई सम्मानित पत्रकार मौजूद थे । कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहीं सिटी कोतवाली सीएसपी आईपीएस पूजा कुमार ने अपनी पढ़ाई और आईपीएस बनने तक के अपने सफर को साझा किया। उन्होंने कहा कि आज के जमाने में महिला बेहद सशक्त हैं ।कोई भी ऐसा फिल्ड नहीं, जहां महिलाओं ने अपनी पहचान ना बनाई है। सामान्य तौर पर महिलाओं के लिए पिंक कालर जॉब का कांसेप्ट होता है, लेकिन मैं कहती हूं कि वो वही करें, जिसमें उनकी रुचि हो ।
कार्यक्रम में अतिथियों ने सम्मान चिन्ह, सम्मान पत्र व गुलदस्ते से महिला पत्रकारों का सम्मान किया। इनमें शीला पाठक, तारिणी शुक्ला, शहजादी कुरैशी, मधु शर्मा, काजल कश्यप, स्वाति मिश्रा, उषा सोनी, ऋतु साहू, मधु खान और नियति ओझा को उनकी पत्रकारिता में सक्रिय उल्लेखनीय योगदान के लिए सम्मानित किया गया।