सभ्यता में विविधता का तत्व सबसे प्रमुख रखने वाले भारत ने सबको अपनाया… आरिफ मोहम्मद खान
डेस्क।विश्वविद्यालय के ज़ाकिर हुसैन दिल्ली कॉलेज(सांध्य) में विकसित भारत@2047 के कार्यक्रमों का उदघाटन करते हुए केरल के राज्यपाल श्री आरिफ़ मोहम्मद ख़ान ने कहा कि हमें अपने अतीत के गौरव को याद करते रहना चाहिए इससे भविष्य के निर्माण की प्रेरणा मिलती है। उन्होंने कहा कि भारत के इतिहास की महानता का वर्णन दूसरे देशों के इतिहास की किताबों में भी मिलता है। प्राचीन रोमन साम्राज्य का उदाहरण देते हुए कहा वे वे मसालों और कपड़ों के व्यापार के लिए भारत आते थे और उसके बदले में भारत में सोना दे जाते थे। भारत में ईसाई धर्म का आगमन भी यूरोप से ढाई सौ साल पहले हुआ था। यहाँ तक कि इस्लाम की विरासत भी सबसे मज़बूत भारत में ही है। उन्होंने इंडोनेशिया के नेता सुकर्णों का हवाला देते हुए कहा कि वे मुस्लिम देश के नेता होते हुए भी अपने देश की जनता को प्रेरित करने के लिए भीम और अर्जुन का हवाला देते थे।
उन्होंने कहा कि भारतीय सभ्यता में विविधता का तत्व सबसे प्रधान रहा है इसीलिए इसने सबको अपनाया। भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक एकता हमेशा से मज़बूत रही है और इसी की बदौलत भारत सफलता के उस मुक़ाम तक पहुँचेगा जिसकी हमने कल्पना भी नहीं की होगी। अपने भाषण के दौरान उन्होंने हिंदू धर्म ग्रंथों के खूब उदाहरण दिये और इसके मूल स्वरूप को पहचानने की बात की।
कार्यक्रम के आरंभ में श्री आरिफ़ मोहम्मद ख़ान का स्वागत कॉलेज के प्राचार्य मसरूर अहमद बेग ने किया। संयोजन नोडल ऑफिसर बबली परवीन के लिया और कुशल संचालन प्रोफ़ेसर मधुमिता चक्रवर्ती ने किया।