छत्तीसगढ़बिलासपुर

डॉ बाँधी का धुँआधार प्रचार । त्रिकोणीय संघर्ष में फतह की आस में सिटिंग एमएलए । कांग्रेस,बसपा और बीजेपी तीनों दल ने लगा रखी है अपनी ताक़त।

बिलासपुर।सोमवार को नाम निर्देशन पत्र दाखिल करने की अंतिम तिथि है । शनिवार और रविवार को दो दिन के विराम के बाद जाहिर तौर पर अंतिम दिन नामांकन जमा करने वालों की होड़ मची रहेगी। इस दिन कांग्रेस के नेता भी संयुक्त रूप से नामांकन भरेंगे। इधर पूरे जिले में प्रचार प्रसार जोरों पर है। जानकार बता रहे हैं कि इनमें मस्तूरी विधानसभा से भाजपा के प्रत्याशी डॉक्टर कृष्णमूर्ति बांधी सबसे आगे चल रहे हैं, क्योंकि उन्होंने टिकट की घोषणा से पहले ही एक प्रकार से चुनाव प्रचार अभियान आरंभ कर दिया था, जिसका उन्हें लाभ मिल रहा है। लगातार मस्तूरी विधानसभा के अलग-अलग क्षेत्र में जाकर जनता से आशीर्वाद मांग रहे डॉक्टर कृष्णमूर्ति बांधी जन समर्थन रैली निकालकर शनिवार को मस्तूरी मंडल के विभिन्न ग्रामों में पहुंचे । इस दौरान उन्होंने ग्राम कर्रा पहुंचकर जनता से आशीर्वाद प्राप्त किया। डॉ कृष्णमूर्ति बांधी ने खुद को विधायक प्रत्याशी नहीं बल्कि गांव का बेटा बताया। उन्होंने कहा कि राजनीति में आने से पहले भी वे एक चिकित्सक के रूप में पूरे क्षेत्र की सेवा कर चुके हैं और जब से उन्होंने राजनीति में प्रवेश किया, तब से वे इस माध्यम से मस्तूरी क्षेत्र की सेवा कर रहे हैं ।

उन्होंने माना कि अब भी मस्तूरी क्षेत्र में विकास की अपार संभावनाएं शेष है। साथ ही उन्होंने बताया कि 5 साल कांग्रेस की सरकार में विधायक रहने के बावजूद वे चाह कर भी उतना विकास नहीं कर पाए जितना उन्होंने भाजपा के शासनकाल में किया था। इसलिए उन्होंने जोर देते हुए कहा कि पूरे क्षेत्र की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए जरूरी है कि केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार के साथ छत्तीसगढ़ में भी भाजपा की सरकार बने ।क्योंकि डबल इंजन की सरकार ही प्रदेश को विकास की ओर आगे ले जा पाएगी। इसके लिए उन्होंने मस्तूरी क्षेत्र से एक बार फिर भाजपा विधायक को चुनकर विधानसभा भेजने का निवेदन किया।

शनिवार को अपने कार्यकर्ताओं और समर्थकों के साथ भाजपा प्रत्याशी डॉक्टर कृष्णमूर्ति बांधी ग्राम कर्रा के अलावा लिमतरा, खपरी, दर्रीघाट , भोथिडीह और लावर में पहुंचे ।
इन दिनों सुबह से लेकर देर शाम तक डॉक्टर कृष्णमूर्ति बांधी धुआंधार चुनाव प्रचार में जुटे हुए हैं। अपने बीच डॉक्टर बांधी को पाकार ग्रामीण भी उन्हें लगातार अपनी समस्याओं से अवगत करा रहे हैं, जिन्हें नोट करते हुए डॉक्टर बांधी तीन दिसंबर को भाजपा की सरकार बनते ही निराकरण का वादा कर रहे हैं।
जानकारों की माने तो फिलहाल मस्तूरी में चतुष्कोणीय मुकाबले के बावजूद डॉक्टर कृष्णमूर्ति बांधी अपने प्रतिद्वंदियों से मिलो आगे नजर आ रहे हैं, क्योंकि उन्हें चुनाव प्रचार के दौरान ही व्यापक जन समर्थन मिलता दिख रहा है। इस दौरान मस्तूरी क्षेत्र की जनता लगातार कह रही है कि उन्हें अपने विधायक के तौर पर डॉक्टर कृष्णमूर्ति बांधी जैसा पढ़ा लिखा नेता ही चाहिए जो पूरी ताकत और क्षमता के साथ विधानसभा में क्षेत्र के विकास के लिए आवाज उठा सके और क्षेत्र की आवश्यकताओं की पूर्ति कर सके।

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