छत्तीसगढ़बिलासपुर

असली पुलिस ने नकली पुलिस को छोड़ा ?
गंभीर अपराध में खाकी ने नही दिखाई गंभीरता !
तस्वीरे खुद बया कर रही हकीकत !

बिलासपुर।बिलासपुर जिले के कोनी थाना में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है । जहाँ गुरुवार की रात को कोरबा से कोयला ला रही तीन गाड़ियों को रोककर ड्राइवरों से मारपीट कर पैसो की लूट कर ली गई । और कोयला मिक्सिंग और कोयला की अफरा तफरी के मामले में फंसा देने के नाम पर गाड़ी के मालिक से 3 लाख रु की डिमांड भी की गई । गाड़ी में लोड कोयला की बिल्टी , लायसेंस आरोपियों ने ड्राइवरों से छीन कर जमकर मारपीट भी की।

पुरी घटना तुर्काडीह और लोखंडी के बीच की बताई जा रही है । जब ड्राइवर ने घटना की जानकारी ट्रांसपोर्टर को दी तब मालिक ने जाल बिछाकर आरोपियों को पकड़ने के लिए योजना बनाकर आरोपियों से फोन में सौदा कर रकम देने का हवाला सेकर आरोपियों को मिलने बुलाया ।

और यही से शुरू हुई आरोपियों की असली कहानी ।

रतनपुर -कोनी मार्ग में अपने आप को अधिकारी बता कर पैसो की डिमांड करने वाले आरोपियों को अपना राज खुलने का शक हो गया और वे मालिक से मिले बिना भागने की कोशिश करने लगे । जिसके बाद फर्जी अधिकारियों को पकड़ने के लिए मालिको ने आरोपियों की गाड़ी का पीछा किया । फिल्मी स्टाइल में आरोपियों ने तेज रफ़्तार में बचने के लिए गाड़ी बिलासपुर की ओर दौड़ा दी लेकिन बचने का कोई रास्ता नही दिखता देख मध्यरात्रि के आसपास आरोपियों में कोनी थाना में गाड़ी डाल दी और चलती गाड़ी थाने में छोडकर फरार हो गये ।

जिस समय आरोपी थाना परिसर में अपनी काले कलर की मारुति ब्रेजा छोड़कर फरार हुए उस वक्त थाना प्रभारी साहब थाने में अपने चेम्बर में ही मौजूद थे । मध्यरात्री करीब 1 बजे ड्राइवरों और वाहन मालिक ने थाना प्रभारी को पूरी घटना से अवगत करवाते हुए आपबीती सुनाई और शंका जाहिर की उस गाडी में आरोपियों के साथ कोई कोई महिला भी मौजूद थी ।
पुलिस ने जब काले रंग की ब्रेजा के नबर CG 10 BJ 4330 के मालिक का पता किया तो कार किसी गायत्री पाटले ( प्राथी और पुलिस के अनुसार नाम) के नाम दर्ज निकली ।
कोनी पुलिस ने जब महिला से थाने में बुलाकर पूछताछ की तो महिला ने अपने नाम गाड़ी होने की बात तो कबूल ली लेकिन घटना में शामिल होने से इनकार करते हुए रात को अपने पति द्वारा गाड़ी ले जाने का मौखिक बयान पुलिस के सामने दिया ।

अब समझिए असली पुलिस और नकली पुलिस की सच्चाई

हमारी टीम ने जब थाने में जब्त गाड़ी का बारीकी से निरीक्षण किया तो गाड़ी में पुलिस का मोनो लगा हुआ था उसके बाद भी कोनी पुलिस की गभीरता इस मामले में नही दिखी । पुलिस और मीडिया के सामने महिला ने अपने आप को पुलिस का सिपाही भी बताकर अपनी पोस्टिंग कोरबा जिले के बांकी मोंगरा में नगर सैनिक रूप में काम करने की बात भी कह डाली । लेकिन गंभीर मामला होने के बाद भी कोनी थाना प्रभारी ने हकीकत जॉनने में कोई दिलचस्पी नही ली और बिना लिखित बयान लिए महिला को थाने से जाने की परमिशन दे दी । यही नही थाना प्रभारी महोदय को गुरुवार की रात करीब 1 बजे हुए घटना का सीसीटीवी फुटेज ( थाने में लगा ) खंगालने में शुक्रवार की शाम तक के समय लग गया !

जबकि आरोपियों की गाड़ी पीछा कर रहे प्राथियो ने भी आरोपियों के साथ किसी महिला होने की शंका जाहिर की थी । गाड़ी मे पुलिस का मोनो होने और गाड़ी महिला के नाम होने के बाद भी महिला को थाने से छोड़े जाने के बाद से कोनी पुलिस पर कई सवाल खड़े हो रहे है। फिल्मी अंदाज में थाने में गाड़ी छोड़कर फरार होने के बाद भी पुलिस को थाने में लगे सीसीटीवी जांच करने में और फुटेज खंगालने में 17 घण्टो से ज्यादा समय लगाना अपने आप खाकी और पुलिस कार्यशैली पर सवाल खड़े करने के लिए काफी है ?
जांच के नाम पर प्राथी को घण्टो थाने में रोकने वाली कोनी पुलिस ने चन्द घण्टो में ही महिला को थाने से जाने दिया इस पर भी खाकी संदेह के घेरे में है ?

मिली जानकारी के अनुसार प्रार्थी के बार बार घटना में किसी महिला के शमिल होने आशंका जाहिर करने के बाद भी कोनी पुलिस ने पुलिस का मोनो लगी कार मालिक महिला को क्लीन चीट देने मे देरी नही की । और ना ही आरोपी बनाने में कोई दिलचस्पी ली और ना ही जानने की कोशिश की कार में पुलिस के मोनो लगाने के पीछे क्या मकसद था ?

हमारे हाथ कुछ तस्वीरें हाथ लगी है जिसमे पुलिस का लोगो लगाई गाड़ी मालिक महिला जिसका नाम गायत्री पाटले बताया जा रहा है वो खुद पुलिस की वर्दी में नजर आ रही है वही भी पिस्तौल के साथ ।
वर्दी और पिस्तौल असली है या नकली इसकी पुष्टि हम नही करते है।

पुलिस की वर्दी में तस्वीरों में नजर आ रही गाड़ी मालिक ने अपनी गाड़ी में पुलिस का मोनो क्यो लगवाया हुआ था ये जांच का विषय है ? लेकिन तस्वीरे खुद हकीकत बया कर रही है क्योकि तस्वीरे झूठ नही बोलती ? अब देखना होगा कि इतने गंभीर मामलों में लापरवाही बरतने वाले पुलिसकर्मियों पर बड़े अफसर क्या कार्यवाही करते है ?और पुलिस लोगो का राज के पर्दे को कब बेपर्दा करते है ?या हर बार की तरह खाकी को हर बार सवालो के कटघरे में खडे करने वाले इन लापरवाह और गैरजिम्मेदार ख़ाकीदारो को फिर से बक्श देते है ?

बडा सवाल !?
पुलिस मोनो का कब खुलेगा राज ?
कार में पुलिस लोगो के पीछे क्या थी मंशा ?
आखिर महिला ने किसको दी थी गाडी ?
पुलिस वर्दी में फोटो खिंचवाने के पीछे महिला का क्या था मकसद?
आखिर सीसीटीवी जांचने में क्यो लगे पुलिस को घण्टो ?
प्रार्थी के शंका जाहिर करने के बाद भी क्यो थाने से गई महिला ?
महिला से पूछताछ के बाद भी FIR में आरोपी अज्ञात कैसे ?
आखिर पुलिस ने महिला के मोबाइल की जांच क्यो नही की ?
उम्मीद है पुलिस के आला इस गंभीर मामले में गंभीरता से संज्ञान लेंगे और जल्द ही इन अनसुलझे सवालो का जबाब देगे और मीडिया से रूबरू होकर असली मास्टरमाइंड को जल्द से जल्द सलाखों के पीछे पहुचायेंगे ? ताकि खाकी पर खड़े हो रहे सवालो का जबाब मिल सके !

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