डेस्क खबरबिलासपुर

छत्तीसगढ़ में SIR अभियान शुरू फर्जियों की बढ़ी धड़कन ! 4 नवम्बर से 4 दिसम्बर तक घर-घर जाकर मतदाता सूची का सत्यापन
तखतपुर सहित राज्यभर में डोर-टू-डोर सर्वे ,SIR से फर्जी मतदाताओं की पहचान होगी.!!



डेस्क खबर बिलासपुर/ छत्तीसगढ़ राज्य में चुनावी तैयारियों के तहत स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) अभियान आधिकारिक रूप से शुरू हो गया है। 4 नवंबर 2025 से 4 दिसंबर 2025 तक चलने वाले इस विशेष सत्यापन अभियान के तहत बूथ-लेवल ऑफिसर (बीएलओ) और प्रशासकीय कर्मचारी घर-घर जाकर मतदाता सूची में दर्ज जानकारियों का सत्यापन करेंगे। इस दौरान नए नाम जोड़े जाएंगे, मृतक या स्थानांतरित व्यक्तियों के नाम हटाए जाएँगे और किसी भी प्रकार की त्रुटि सुधारी जाएगी ताकि वोटर लिस्ट सटीक और पारदर्शी बनी रहे।

डोर-टू-डोर सर्वे की प्रक्रिया में बीएलओ हर घर में गणना पत्र वितरित कर रहे हैं। इन गणना पत्रों में मौजूदा मतदाता सूची की जानकारी—नाम, पता, उम्र, फोटो व अन्य विवरण—पहले से मुद्रित होती है। घर के मुखिया या उपलब्ध सदस्य से फॉर्म भरवाकर यदि कोई नया मतदाता हो तो उसकी जानकारी जोड़ी जाएगी; वहीं जिनके नाम मृतक या किसी अन्य स्थान पर स्थानांतरण के कारण सूची में बने हुए हैं, उन्हें हटाने की व्यवस्था की जाएगी। भरवाए गए फॉर्म बाद में एकत्र कर अंतिम मतदाता सूची तैयार की जाएगी।

निर्वाचन आयोग के दिशानिर्देशों के तहत बीएलओ को विशेष प्रशिक्षण दिया गया है ताकि वे घरों में जाकर नागरिकों को प्रक्रिया की महत्ता सहज भाषा में समझा सकें और सत्यापन पारदर्शी ढंग से हो। अधिकारियों का कहना है कि यह कदम मतदाता सूची में मौजूद डुप्लिकेट प्रविष्टियों, त्रुटियों और ग़लत या फर्जी नामों को हटाने में अहम भूमिका निभाएगा, जिससे लोकतंत्र की बुनियाद और मज़बूत होगी।

तखतपुर में कितने है फर्जी वोटर

स्थानीय सूत्रों के अनुसार तखतपुर नगर और आसपास के क्षेत्रों में भी SIR के माध्यम से व्यापक सत्यापन किया जा रहा है। सूत्रों का अनुमान है कि तखतपुर में लगभग 3,000 से अधिक ऐसे नाम सूची में दर्ज हैं जिनका वास्तविक निवास स्थान यहाँ नहीं है या जो लंबे समय से यहाँ नहीं रहते। SIR सर्वे के बाद ऐसे फर्जी या अनावश्यक नामों की पहचान कर उन्हें मतदाता सूची से हटाने की कार्यवाही संभव हो सकेगी, जिससे मतदान प्रक्रिया पर असामयिक प्रभाव डालने वाले तत्वों को रोका जा सकेगा।

विशेष रूप से बताया गया है कि कई मतदाताओं के नाम एक से अधिक पते पर दर्ज हैं (दो हिसाब से A व B श्रेणी में), तथा कुछ लोग पहचान छुपाकर नाम दर्ज करवा चुके हैं। ऐसे मामलों में सही पहचान-पत्र व दस्तावेज प्रस्तुत किए जाने पर ही नामों को सूची में सत्यापित किया जाएगा। 2003 से अब तक के सर्वे के आँकड़ों का मिलान कर नई, शुद्ध और विश्वसनीय मतदाता सूची तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है।

SIR अधिकारी और स्थानीय प्रशासन नागरिकों से अपील कर रहे हैं कि वे गणना पत्र सही-सही भरें, पहचान-पत्र उपलब्ध कराएँ और बीएलओ का सहयोग करें ताकि एक पारदर्शी और भरोसेमंद वोटर लिस्ट तैयार की जा सके। अधिकारीयों का कहना है कि इस प्रक्रिया से न केवल फर्जी मतदाताओं की पहचान होगी बल्कि चुनावी प्रक्रिया में सार्वजनिक विश्वास भी बढ़ेगा।

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