

डेस्क खबर बिलासपुर ./ प्रदेश के अवर सचिव सामान्य प्रशासन छत्तीसगढ़ ने दिनांक 5/6/2025 को आदेश जारी करते हुए प्रदेश के सभी विभागों में किए गए समस्त संलग्नीकरण आदेश को शून्य घोषित कर दिया है ।जिसके आधार पर जितने भी अधिकारी कर्मचारी को मूल पदस्थापना स्थल से बाहर अन्य कार्यालयों एवं संस्थाओं में संलग्न किया गया था ।उन्हें तुरंत मूल पद स्थापना स्थल के लिए भेजने आदेश प्रसारित किया जाना था ।
अन्य सभी विभागों ने शासन के आदेश को माना किंतु डॉक्टर सुरेश तिवारी जो बिलासपुर के संभागीय संयुक्त संचालक के साथ साथ cmho भी है ने शासन के आदेश को कचरे के डिब्बे डालते हुए स्वयंभू शासन घोषित कर रखा है ।
अपने संयुक्त संचालक कार्यालय में कोरबा में पदस्थ सहायक ग्रैंड दो हिमांशु शुक्ला ,मस्तूरी में पदस्थ फार्मासिस्ट तरुण त्रिपाठी प्रशिक्षण केंद्र का वा हिमांशु नामदेव को कार्यमुक्त नहीं किया गया । अन्य जिलों के लगभग20 से 25 कर्मचारियों को बिलासपुर जिला के विभिन्न संस्थाओं में संलग्नीकरण किया है
दूसरी तरफ cmho कार्यालय में डॉक्टर सौरभ शर्मा बिल्हा , प्रवीण शर्मा स्वास्थ्य कार्यकर्ता, राजेंद्र शर्मा नेत्र सहायक मस्तूरी, मिर्जा कासिम बेग स्वास्थ्य कार्यकर्ता, महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता सारधा बिल्हा , मस्तूरी ब्लॉक के दो वार्ड ब्वाय, श्री स्वास्थ्य केंद्र का स्वास्थ्य कार्यकर्ता को cmho कार्यालय में संलग्न को कार्यमुक्त नहीं किया गया है ।
*मस्तूरी* ब्लॉक के लगभग 25 कर्मचारी जो अन्य संस्थाओं में संलग्न हैं ।
*कोटा* ब्लॉक में 15से20 चिकित्सक कर्मचारी अन्य संस्थाओं में संलग्न हैं
*बिल्हा* ब्लॉक के23चिकित्सक,के टेक्नीशियन, फार्मासिस्ट,स्टाफ नर्स ,लिपिक,स्वास्थ्य कार्यकर्ता वार्ड ब्वाय, अन्य संस्थाओं में संलग हैं ।
*तखतपुर* ब्लॉक के 15से 20, चिकित्सक कर्मचारी अन्य संस्थाओं में संलग्न है । संभागीय कार्यालय और cmho कार्यालय स्व निर्मित नियमों के तहत संचालित हो रहा है ।
शासन में बिलासपुर के शहरी क्षेत्र के मोहल्लों में प्राथमिक चिकित्सा सुविधा मुहैया कराते हुए आयुष्मान हेल्थ एंड सेंटर निर्धारित करते हुए सेवा निवृत चिकित्सकों की संविदा नियुक्ति की है मोहल्ला के क्लिनिक में बैठ कर मरीजों का उपचार करना है । cmho द्वारा मोहल्ले के नागरिकों को मिलने वाली उपचार सुविधा से वंचित करते हुए समता कालोनी हेल्थ सेंटर में पदस्थ डॉक्टर *मनोज सैमुवल* को सारे नियम कायदों को किनारे करते हुए जिला कार्यालय नोडल ऑफिसर बना कर बैठाया गया है तो वहीं शंकर नगर हेल्थ सेंटर में पदस्थ *डॉक्टर प्रभात श्रीवास्तव* को सिम्स में संलग्न किया गया है ।(cmho/ कलेक्टर को सिम्स में संलग्न करने का अधिकार नहीं है)
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी की लापरवाही की वजह से आम नागरिकों को चिकित्सा सुविधा का लाभ दिलाने में बिलासपुर जिला अंतिम और 33 स्थान पर है ।सभी राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम धरातल पर नहीं सिर्फ कागजों में दिखाया जाता है। बिलासपुर जिला में तभी स्वास्थ्य सेवाएं सही होगी जब अधिकारी ईमानदारी से शासन के नियमों निर्देशों का पालन करते हुए स्वास्थ्य योजनाओं का क्रियान्वयन करेंगे ।
स्थानीय पत्रकार की कलम से ..










