

डेस्क खबर बिलासपुर../ छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकांक्षी योजना के तहत प्रदेशभर में गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले परिवारों को पेट भरने के लिए मुफ्त या सस्ती दरों पर चावल और अन्य खाद्यान्न उपलब्ध कराए जा रहे हैं। लेकिन प्रदेश की न्यायधानी बिलासपुर जिले मे स्थित शासकीय उचित मूल्यों की दुकानों मे राशन की आड़ मे जमकर कालाबाजारी की जा रही है। जिलों में इस योजना का लाभ असली जरूरतमंदों तक नहीं पहुंच पा रहा है। कुछ शासकीय उचित मूल्य दुकान संचालक इस योजना का खुला दुरुपयोग कर रहे हैं। जिसके कारण सरकारी चावल का दाम लगातार बढ़ते जा रहा है। लगातार राशन दुकानों के संचालको द्वारा अनाज की जगह नगद पैसा देने की शिकायते और वीडियो सामने आ रहे है लेकिन उसके बाद भी विभाग के जिम्मेदार शांत बैठे हुए है। फिर एक वायरल वीडियो ने गरीबो को मिलने वाले सरकारी राशन पर हो रही कालाबजारी हाल ही में सामने आए एक वीडियो ने विभागीय कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह वीडियो गोड़पारा स्थित सरकारी राशन दुकान का है, जिसमें एक संचालक हितग्राही को चावल देने के बजाय नगद राशि देता हुआ कैमरे में कैद हुआ है। यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है और इसमें साफ देखा जा सकता है कि सरकारी चावल की कालाबाजारी खुलेआम की जा रही है।
खुलेआम हो रही सरकारी अनाज की अफ़रातफरी और कालाबजारी के तमाम मामलों की जानकारी होने के बाद भी बिलासपुर खाद्य विभाग के अधिकारी भौतिक सत्यापन और सुशासन तिहार समाधान शिविर मे अपने आप को व्यसत् बताकर कार्यवाही करने से बच रहे है और सिर्फ नोटिस जारी कर खानापूर्ति कर रहे है। जबकि तत्कालीन कलेक्टर ने ऐसे दुकानदारों पर fir दर्ज करवाने के फरमान जारी किये थे।

राज्यभर में इन दिनों शासकीय राशन दुकानों का भौतिक सत्यापन चल रहा है। लेकिन सत्यापन से पहले ही संचालकों को इसकी सूचना दे दी गई थी, जिससे उन्होंने रिकॉर्ड में गड़बड़ियों को छिपाने की तैयारी कर ली। कई मामलों में जांच के नाम पर हितग्राहियों को खाद्यान्न देने के बजाय पैसे दिए जा रहे हैं। इससे स्पष्ट होता है कि सरकारी राशन को बाजार में ऊंचे दामों पर बेचने का खेल चल रहा है।

खाद्य विभाग के अधिकारियों को इन गड़बड़ियों की जानकारी होने के बावजूद अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। लगातार आ रही शिकायतों और वायरल हो रहे वीडियो के बावजूद विभाग की चुप्पी से उसकी भूमिका पर भी सवाल उठने लगे हैं। यह पूरा मामला शासन की योजनाओं पर ग्रहण की तरह नजर आ रहा है।
सूत्रों से मिले वीडियो के आधार पर खबर।

