छत्तीसगढ़डेस्क खबर

SECL की लापरवाही और जीएम की अनदेखी से नाराज हुए मंत्रीजी …!
नाराज मंत्री कार में बैठ कार्यक्रम से लौटे ! अधिकारी हाथ जोड़ करते रहे मिन्नते .? नहीं पसीजा मंत्री जी का दिल !
देखिए पूरा वीडियो और पढ़िए पूरी खबर …



डेस्क खबर / एक बार SECL के जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही और एससीएल के जीएम द्वारा मंत्री जी के स्वागत में अनदेखी करने  से प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री नाराज हो गए और कार्यक्रम से दूरी बनाते हुए कार में बैठकर स्थल से वापिस लौट गए .चिरमिरी क्षेत्र में आयोजित रावण दहन के दौरान कोल इंडिया के अधिकारी मंत्री जी को मानने हाथ जोड़ मिन्नते करते रहे लेकिन मंत्री जी का नाराजगी कम नहीं हुई । सूत्रों ने तमाम उपरोक्त जानकारी देते हुए बताया कि हमेशा से कोल इंडिया इसी तरह सम्मानित व्यक्तियों की उपेक्षा करते रहता है जो कि चर्चा का विषय बनता है और बाद में कोल इंडिया के अधिकारी इसका ठीकर अधीनस्थ कर्मचारी पर फोड़ अपना दामन साफ रखते है । लेकिन इस बार कार्यक्रम में खुद secl के जीएम मौजूद थे और सब कुछ उनकी मौजूदगी में हुआ है इसलिए पब्लिक के साथ सत्ता पक्ष के लोग और विपक्ष में secl के अधिकारिक बयान जारी का इंतजार कर रहा है । सूत्रों की माने तो सवास्थ्य मंत्री  श्याम बिहारी जायसवाल ने रावण दहन कार्यक्रम कार्ड में नाम न होने से पहले ही नाराज थे और बाद में कार्यक्रम में स्वागत न होने उनकी नाराजगी दुगनी हो गई और सिर्फ अपनी अनदेखी से इतने विचलित हुए कि उन्हें जनता का भी ध्यान नहीं रहा और वे रावण दहन में आई जनता के बीच भी अपनी उपस्तिथि नहीं दर्ज करा पाए शायद मंत्री जी भूल गए थे कि उन्हें मंत्री जी की कुर्सी में आसीन करने के लिए विधायक जनता ने बनाया था ना कि secl के अधिकारियों ने ।


प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री एवं क्षेत्रीय विधायक श्याम बिहारी जायसवाल रावण दहन कार्यक्रम में स्वागत न होने के कारण नाराज हो गए। घटना महात्मा गांधी स्टेडियम में हो रही रावण दहन के दौरान हुई, जहां प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री को सम्मान देने के लिए आमंत्रित किया गया था, परंतु कार्यक्रम में उनका स्वागत करने वाला कोई नहीं पहुंचा।

मंत्री जायसवाल ने इस उपेक्षा को गंभीरता से लेते हुए कार्यक्रम से लौटने का निर्णय लिया। इसके अलावा, एसईसीएल के जी.एम. के स्वागत में भी उन्हें नजरअंदाज किया गया, जिससे उनकी नाराजगी और बढ़ गई।

खास बात यह रही कि आमंत्रण पत्र पर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री का नाम तक अंकित नहीं था, जिसे उन्होंने अनदेखा करने के बजाय मुद्दा बनाया। कार्यक्रम में उपस्थित अन्य गणमान्य लोगों और आयोजकों को इस स्थिति का तत्काल आभास हुआ, लेकिन तब तक मंत्री वापस लौट चुके थे।

यह घटना कार्यक्रम आयोजन की अव्यवस्थाओं और सम्मानित व्यक्तियों के उचित स्वागत की कमी को उजागर करती है, जिससे सामाजिक और राजनीतिक स्तर पर चर्चाएं शुरू हो गई हैं।

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