बिलासपुर

कांग्रेस राज में अवैध निर्माण का बीजेपी राज में भी जलवा बरकरार .!कौन करेगा कार्यवाही ? जब अधिकारी बन जाए रसूखदार कब्जाधारी के मददगार .?सरकारी जमीन पर कब्जा कर तान दी अवैध दुकानें.!

बिलासपुर ..बिलासपुर के शनिचरी रपटा के करीब में रसूखदार कब्जाधारियों ने निगम की सरकारी जमीन पर पहले कब्जा किया उसके बाद सरकारी जमीन पर बिना अनुमति के दुकान का भी निर्माण कर दिया ..निगम अमले के उच्च अधिकारियों से लेकर निचले स्तर के कर्मचारियों को भी सरकारी जमीन पर कब्जे की जानकारी भी लगी शिकायत भी हुई और निगम ने तकरीबन 4 महीने पहले नोटिस भी जारी कर खानापूर्ति कर दी..लेकिन अब तक कार्यवाही नहीं हुई ।। जिसका परिणाम यह हुआ कि सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा धारी ने इस दुकान को सड़क पर अतिक्रमण करने वालों का पनाहगार बना दिया ..फल ठेलो को दिन भर सड़कों पर लगवा कर सरकारी जमीन पर बनी दुकानों के माध्यम से इनको संरक्षण देने का काम कर रहा है ..
गरीबों के फल ठेलो को जब्ती करने वाला निगम प्रशासन इस अवैध कब्जाधारी के खिलाफ कार्यवाही करने के लिए लगातार बहानेबाजी करता नजर आ रहा है ..

निगम कमिश्नर , जोन कमिश्नर , बाजार शाखा से लेकर भवन शाखा में बैठे जिम्मेदार अधिकारी एक दूसरे के ऊपर ठीकरा फोड़ते नजर आ रहे है …बेबस और लाचार गरीबो पर बुलडोजर चलाने वाला निगम अमला का बुलडोजर इस अवैध निर्माण तक नहीं पहुंच पा रहा है .निगम में बैठे प्रशानिक अधिकारी कभी आचार संहिता का हवाला दे रहे थे तो कभी नोटिस के जवाब का इंतजार की बात कह कर अपना पल्ला झाड़ते नजर आ रहे है ।


इतना ही नहीं कब्जाधारी ने न सिर्फ सरकारी जमीन पर कब्जा किया हुआ बल्कि दुकान के बाहर भी फल ठेला लगाकर इनसे किराया भी वसूल कर अपना दम खम दिखाता नजर आ रहा है ..

पहले भी बिन अनुमति के सरकारी जमीन पर कब्जा और निर्माण में अधिकारियों और नेताओं की मिलभिगत की चर्चा का बाजार गर्म हुआ था और इस दुकानों के निर्माण में लाखो रु के लेनदेन की बाते ही सूत्रों के हवाले से सामने आई थी ..लेकिन उसके बाद भी सब कुछ जानते हुए उपमुख्यमंत्री के विभाग के जिम्मेदार अधिकारी आंख मूंदे अपने एसी चेंबर में बैठकर आराम फरमा रहे है ..


इसलिए सवाल खड़े हो रहे है कि कांग्रेस शासन में सरकारी जमीन पर बनी इन अवैध दुकानों का बीजेपी शासनकाल में भी जलवा बरकरार है और सिर्फ नोटिस का खेल कर अधिकारी इन दुकानों पर कार्यवाही करने से बचते नजर आ रहे है .
सूत्र तो यहां तक दावा करते है कि लाखो रु के लेनदेन के कारण इस अवैध कब्जाधारी के खिलाफ कार्यवाही नहीं की जा रही है ,और जिस दिन कार्यवाही होगी उस दिन अवैध दुकानों को संरक्षण देने वाले नेताओं और अधिकारियों का नाम उजागर हो आएगा.. ?
अब देखना होगा कि आखिर सरकारी जमीन पर बनी इन दुकानों पर कब तक कौन कार्यवाही करता है या फिर..? कब्जाधारी का जलवा बरकरार रहेगा क्योंकि कब्जाधारी भी जानता है की जब तक अधिकारी नेता उसके मददगार है तब तक उसपर कार्यवाही नहीं हो सकती है ।

error: Content is protected !!