

डेस्क खबर बिलासपुर…/ नये नये कारनामो से चर्चा मे रहने वाला बिलासपुर आबकारी विभाग का एक नया कारनामा सामने आया है, जहां बिलासपुर आबकारी विभाग मे उच्च पदों मे आसीन अधिकारियों के नाम पर बेरोजगारों से कम्पनी कर्मचारियों ने नौकरी दिलवाने के नाम पर लाखों रु की वसूली कर ली, आबकारी शराब दुकान में सुपरवाईजर और सेल्समैन की नौकरी दिलाने को लेकर दो से ढाई लाखों रूपए लिए। बाद में बेरोजगारों को जानकारी मिली कि उनका नाम कम्पनी के पे रोल में नहीं है, जिसके कारण आबकारी विभाग ने बिना पूछताछ और जांच के युवको को नौकरी से निकाल दिया, इस मामले मे पीड़ित युवको ने बिलासपुर कलेकटर और एसपी को शिकायत के जरिये न्याय की गुहार लगाई है।
बेरोजगारों ने आरोप लगाया कि करीब एक महीने के बाद उन्हें कम्पनी ने बाहर का रास्ता दिखाया दिया है। इसके अलावा कम्पनी ने डेढ महीने का भुगतान भी नहीं किया। कम्पनी कर्मचारी जितेन्द्र सिंह समेत उसके साथियों ने भी रूपया लौटाने से इंकार कर दिया है। पीड़ितों ने यह भी आरोप लगाया कि घोटाले में तखतपुर शराब दुकान सुपरवाइजर की भूमिका संदिग्ध है। पीड़ितों का आरोप है कि तखतपुर शराब दुकान सुपरवाइजर के माध्यम से नौकरी लगवाने के लिए जितेन्द्र सिंह को रूपया दिया था।
इस मामले में पुलिस से शिकायत करने वालों में अजय बारमते, धर्मेन्द्र कुमार, भूपेश ओगरे, प्रमोद चन्द्रवंशी, यशवंत जायसवाल, प्रसन्नजीत बंजारे, डिकेश्वर साहू और पंकज शामिल हैं। पीड़ितों ने बताया कि उनकी नियुक्ति तत्कालीन सहायक आयुक्त दिनकर वासनिक के समय हुई थी, लेकिन नए सहायक आयुक्त ने प्लेसमेन्ट कम्पनी के जिला प्रतिनिधि रंजित सिंह ऊर्फ लड्डू को बाहर का रास्ता दिखा दिया।
तखतपुर शराब दुकान सुपरवाइजर साखी लाल पर भी गंभीर आरोप लगाया है पीड़ितों के अनुसार साखी लाल उनकी नौकरी शराब दुकान में लगवाने की बात कही थी। जिसके बाद उनकी नौकरी नौकरी सरकारी हो जाएगी। इसके लिए सभी को पद के अनुसार दो से ढाई लाख देना होगा। वहीं नौकरी के लिए हम सबने मिलकर करीब 20 लाख रूपया साखी लाल के सामने कैप्सटन प्लेसमेन्ट कम्पनी के जिला प्रतिनिधि रंजीत सिंह ऊर्फ लड्डू सिंह और पवन सिंह, नरेंद्र सिंह पासवान को अपोलो हास्पिटल के सामने स्थित कार्यालय में दिया। रंजीत सिंह के आदेश पर हम सबकी नियुक्ति सुपरवाइजर और सैल्स के पद पर जिले के अलग-अलग शराब दुकान में किया गया। 31 अक्टूबर 2024 को हम सभी ने दुकान पहुंचकर काम करना शुरू कर दिया। ठीक इसे ही शिव मधुकर सुपरवाइजर विदेशी शराब दुकान सब्जीमंडी बिलासपुर से 2 लाख 50 हज़ार, खगेश कुपेंद्र सुपरवाइजर देसी शराब दुकान मधुबन बिलासपुर से 2 लाख 50 हज़ार, सूरज भवानी सेल्समैन विदेशी शराब दुकान लिंगीयाडीह बिलासपुर से 1 लाख 60 हज़ार, नन्द कुमार यादव सेल्समैन विदेशी शराब दुकान लिंगीयाडीह बिलासपुर से 1 लाख 60 हज़ार और नील मणि निषाद मल्टी विदेशी शराब दुकान मंगला बस्ती बिलासपुर से 1 लाख 20 हज़ार रूपये की मोटी रकम ली गई है|

रूपया लेते समय रंजीत सिंह, पवन सिंह व उसके साथियों ने बताया कि लिए गए रूपयों में कुछ बड़े अधिकारी को भी पैसे देना होगा। बचे रूपयों की डीडी बनवाकर जमा किया जाएगा। नौकरी से हटने पर डीडी का रकम वापस हो जाएगा। पीड़ितों ने बताया कि उनकी नियुक्ति तत्कालीन सहायक आयुक्त दिनकर वासनिक के समय हुई। 12 नवम्बर को दिनकर वासनिक का स्थानान्तरण हो गया। नये सहायत आयुक्त ने आबकारी विभाग का कामकाज संभाला। नई व्यवस्था के तहत नए सहायक आयुक्त ने लगातार मिल रही शिकायत के मद्देनजर प्लेसमेन्ट कम्पनी के जिला प्रतिनिधि रंजित सिंह ऊर्फ लड्डू को बाहर का रास्ता दिखा दिया।

इसके बाद कम्पनी ने अपूर्व मिश्रा को नया जिला प्रतिनिधि बनाया। अपूर्व ने सभी आठ लोगों को बिना किसी जानकारी के नौकरी से बाहर निकाल दिया। उन्होने बताया कि किसी का पे रोल में नाम नहीं है। इसलिए वेतन भी नहीं दिया जाएगा। हमने अपनी शिकायत को नए ए.सी. के सामने भी रखा। लेकिन इससे भी कोई फायदा नहीं हुआ। पीड़ितों ने बताया कि सी.एस.एम.सी.एल वेवपोर्टल में सबका उपस्तिथि भी दर्ज है। 45 दिन का काम भी किया है। लेकिन नौकरी के लिए दिए गए रूपये तो दूर 45 दिन काम का भी वेतन आज तक नहीं मिला है।

