डेस्क खबरबिलासपुर

बिलासपुर के सेंट विंसेंट पलोटी स्कूल हादसे मामले मे दो छात्र और दो छात्राएं पुलिस हिरासत में .! टारगेट मे थी स्कूल की शिक्षिका,चपेट मे आई  मासूम छात्रा..!
साजिश या मजाक  ? पुलिस कर रही जाँच…





बिलासपुर। शहर के सिविल लाइन थाना क्षेत्र स्थित सेंट विंसेंट पलोटी स्कूल में बाथरूम में हुए धमाके ने सभी को हिलाकर रख दिया है। इस घटना में चौथी कक्षा की एक छात्रा गंभीर रूप से घायल हो गई है। पुलिस ने जांच के बाद आठवीं कक्षा के दो छात्र और दो छात्राओं को हिरासत में लिया है। ये छात्र ऑनलाइन विस्फोटक मंगाकर स्कूल में धमाका करने के आरोप में गिरफ्तार किए गए हैं।


क्या है पूरा मामला ?




शुक्रवार सुबह सवा दस बजे स्कूल के बाथरूम में अचानक जोरदार धमाका हुआ। इस दौरान चौथी कक्षा की छात्रा स्तुति मिश्रा (10 वर्ष) बाथरूम में थी। विस्फोट की चपेट में आने से वह गंभीर रूप से घायल हो गई। उसे तुरंत बर्न केयर अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों के मुताबिक, छात्रा के शरीर के नाजुक अंगों को भी चोट आई है। जहाँ उसकी हालत स्थिर बनी हुई है।  वही इस मामले मे परिजनों ने स्कूल प्रबन्धन पर लापरवाही का आरोप लगाकर स्कूल मे जमकर हंगामा किया था।

छात्रों ने ऑनलाइन मंगाया था विस्फोटक



पुलिस जांच में पता चला कि आठवीं कक्षा के दो छात्र और दो छात्राओं ने पटना से ऑनलाइन सोडियम (विस्फोटक पदार्थ) मंगवाया था। इसे स्कूल के महिला बाथरूम में रखा गया था। जैसे ही छात्रा ने फ्लश चलाया, पानी के संपर्क में आते ही सोडियम में विस्फोट हो गया। पुलिस को घटनास्थल से सिल्वर पैकिंग का एक चिथड़ा भी मिला, जिससे पता चला कि विस्फोटक बाहर से मंगवाया गया था।

शिक्षिका को टारगेट करने की थी साजिश



पूछताछ में गिरफ्तार छात्र-छात्राओं ने बताया कि वे स्कूल की एक शिक्षिका को टारगेट करने के लिए यह कदम उठा रहे थे। हालांकि, उनका दावा है कि यह सब सिर्फ शरारत के तौर पर किया गया था। लेकिन, इस शरारत ने एक छात्रा की जान को गंभीर खतरे में डाल दिया। अब यह हादसा साजिश था या फिर मजाक?? फिलहाल इसकी पुख्ता पुष्टि नही हो पाई है।

पुलिस ने दर्ज की एफआईआर, जेजे एक्ट के तहत हिरासत में लिए छात्र




घटना के बाद स्कूल के प्राचार्य ने सिविल लाइन थाने में अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई। पुलिस ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 124 ए (ज्वलनशील पदार्थ का उपयोग कर किसी को आहत करना) के तहत मामला दर्ज किया। जांच के बाद आठवीं कक्षा के दो छात्र और दो छात्राओं को जुवेनाइल जस्टिस एक्ट (जेजे एक्ट) के तहत हिरासत में लिया गया है। इन्हें बाल न्यायालय में पेश किया जाएगा।

अभिभावकों ने उठाए सवाल, स्कूल प्रबंधन पर लापरवाही के आरोप


घटना के बाद अभिभावकों ने स्कूल में हंगामा खड़ा कर दिया। उनका आरोप है कि स्कूल प्रबंधन की लापरवाही के कारण यह घटना हुई। अभिभावकों ने बताया कि पहले भी स्कूल में इस तरह की घटनाएं हुई हैं, लेकिन प्रबंधन ने कोई कड़ी कार्रवाई नहीं की। इस बार अभिभावकों ने मांग की है कि दोषी छात्रों को स्कूल से निष्कासित किया जाए और उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए।

कलेक्टर ने बनाई जांच कमेटी, शिक्षा विभाग भी जांच में जुटा


घटना की गंभीरता को देखते हुए कलेक्टर अवनीश शरण ने शिक्षा विभाग की टीम को स्कूल में जांच के लिए भेजा है। इसके अलावा, शहर के चार अन्य स्कूलों के प्राचार्यों की एक जांच कमेटी भी बनाई गई है। कमेटी को जल्द से जल्द रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए गए हैं।

पूर्व में भी हुई हैं ऐसी घटनाएं

सूत्रों के मुताबिक, इससे पहले भी स्कूल में विस्फोट जैसी घटनाएं हो चुकी हैं। लेकिन, स्कूल प्रबंधन ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया और कोई कड़ी कार्रवाई नहीं की। इस बार घटना इतनी गंभीर हो गई कि एक छात्रा की जान को खतरा पैदा हो गया।

पुलिस और फॉरेंसिक टीम ने की जांच


घटना के बाद सिविल लाइन पुलिस की टीम सीएसपी निमितेश सिंह और टीआई एसआर साहू के नेतृत्व में घटनास्थल पर पहुंची। फॉरेंसिक टीम ने भी मौके का मुआयना किया और सबूत जुटाए। पुलिस ने बताया कि जांच में यह बात सामने आई कि छात्रों ने ऑनलाइन विस्फोटक मंगवाकर स्कूल में धमाका करने की साजिश रची थी।

क्या कहता है कानून?


जुवेनाइल जस्टिस एक्ट (जेजे एक्ट) के तहत 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के खिलाफ कार्रवाई की प्रक्रिया अलग होती है। इस मामले में गिरफ्तार छात्र-छात्राओं को बाल न्यायालय में पेश किया जाएगा, जहां उनके खिलाफ आगे की कार्रवाई तय होगी।

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